Sep 8, 2024
HIMACHAL

इस सत्र से यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में लागू नहीं होगी राष्ट्रीय शिक्षा नीति

इस सत्र से यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में लागू नहीं होगी राष्ट्रीय शिक्षा नीति

देशआदेश

 

प्रदेश में स्नातक डिग्री कोर्स करवा रहे एचपीयू और एसपीयू से संबद्ध कॉलेजों में इस सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने की संभावना अब न के बराबर है। शिक्षा विभाग ने दोनों विश्वविद्यालयों से एडमिशन और एकेडमिक शेड्यूल के आए प्रस्तावों को आधार बनाकर कॉलेजों में प्रवेश शेड्यूल तय कर दिया है, लेकिन अभी तक नई शिक्षा नीति को लेकर कोई तैयारी नहीं है।

एचपीयू शिमला और एसपीयू मंडी से संबद्ध करीब 200 कॉलेजों को शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालयों से राष्ट्रीय शिक्षा नीति को नए सत्र से लागू करने, उसके अनुरूप प्रवेश की प्रक्रिया संचालित करने को अब तक कोई आदेश नहीं मिले हैं। ऐसे में सभी कॉलेजों ने बीते सत्र की तर्ज पर पुराने यूजी प्रथम वर्ष के सिलेबस के अनुरूप ही नए सत्र में प्रवेश की प्रक्रिया को संचालित करने को अपने प्रोस्पेक्टस भी तैयार किए हैं।

 

इससे जाहिर है कि नए सत्र में में पुराने सिलेबस के अनुरूप ही सभी स्नातक डिग्री कोर्स में प्रवेश दिया जाएगा। सरकार और शिक्षा विभाग के स्तर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अब तक कोई फैसला नहीं हो पाया है।

नई नीति के अनुरूप सिलेबस, आर्डिनेंस तैयार करने की प्रक्रिया भी विवि में बीते माह हुई ईसी की बैठक के बाद से बंद पड़ी है। यूजी के जारी प्रवेश शेड्यूल के अनुसार तीस जून से शुरू हो रही प्रवेश प्रक्रिया के लिए अब मुश्किल से एक माह ही शेष रह गया है। इतने कम समय में चाहकर भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने की तैयारी करना और इसके लिए आवश्यक सिलेबस तैयार कर इसे अप्रूव करवाने, आर्डिनेंस को ईसी से मंजूर करवाने के लिए समय नहीं बचा है।

 

5 से 29 जून तक कॉलेजों में रहेगा ग्रीष्मकालीन अवकाश शिमला।

एचपीयू और एसपीयू दोनों विश्वविद्यालयों में 5 से 29 जून तक शिक्षकों का ग्रीष्मकालीन अवकाश रहेगा। इसलिए कॉलेजों में शिक्षक मौजूद नहीं रहेंगे। इस पर एनईपी को लागू करने को लेकर कोई फैसला हुआ, तो उसके अनुसार नए सत्र के लिए प्रवेश की तैयारियां करना कॉलेजों के लिए भी संभव नहीं होगा।

7 अप्रैल की नहीं बनी थी नई नीति लागू करने पर सहमति शिमला। एचपीयू की ईसी की 7 अप्रैल को हुई बैठक में नई शिक्षा नीति को 2023 सत्र से लागू किए जाने पर सदस्यों में सहमति नहीं बन पाई थी।

इसमें कॉलेजों में नीति के अनुरूप सुविधाएं मुहैया करवाने के बाद ही कोई फैसला लिए जाने का निर्णय हुआ था। विवि के अधिष्ठाता अध्ययन प्रो. बीके शिवराम ने कहा कि सरकार के जो आदेश होंगे, उसके अनुसार शेष प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी।