Nov 22, 2024
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करवाचौथ 2022: शुक्र अस्त का प्रभाव, नवविवाहिता न करें व्रत

karwa chauth 2022: करवाचौथ पर शुक्र अस्त का प्रभाव, नवविवाहिता न करें व्रत

 

सिर्फ वही सुहागिन व्रत कर सकती हैं, जो पहले से करवा चौथ का व्रत कर रही हैं।

 

न्यूज़ देशआदेश

करवाचौथ पर इस बार शुक्र अस्त का प्रभाव है। ऐसे में नवविवाहित महिलाएं इस साल व्रत की शुरूआत न करें। इसके अलावा जो महिलाएं व्रत का उद्यापन करवाना चाह रही हैं, वह भी शुभ नहीं है।

राधा कृष्ण गंज मंदिर के पुजारी उमेश नौटियाल ने  कहा कि हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का त्योहार मनाया जाता है। करवा चौथ पर सुहागिन महिलाएं सुबह जल्दी से उठकर स्नान कर सोलह श्रृंगार करते हुए व्रत का संकल्प लेती हैं।

इस त्योहार पर सभी सुहागिन महिलाएं किसी एक जगह एकत्रित होकर करवा चौथ व्रत की कथा सुनती हैं और रात को चांद के दीदार करते हुए उपवास तोड़ती हैं। हालांकि इस बार शुक्र के अस्त होने के कारण सिर्फ वही सुहागिन व्रत कर सकती हैं, जो पहले से करवा चौथ का व्रत कर रही हैं।

 

नौटियाल ने बताया कि यह तिथि 13 अक्तूबर की रात 1:59  मिनट से शुरू होगी और 14 अक्तूबर की 3:08 मिनट पर खत्म होगी। उन्होंने बताया कि हिंदू धर्म में कोई भी व्रत और त्योहार उदया तिथि के आधार पर ही निर्धारित होती है। ऐसे में इस साल करवा चौथ का व्रत 13 अक्तूबर को होगा। 

करवा चौथ पूजा का अच्छा मुहूर्त शाम 4:08 मिनट से लेकर 5:50 मिनट तक है

राधा कृष्ण गंज मंदिर के पुजारी उमेश नौटियाल ने बताया कि इस बार करवा चौथ की पूजा के लिए कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। पंचांग के अनुसार 13 अक्तूबर को करवा चौथ पर पूजा का सबसे अच्छा मुहूर्त शाम 4:08 मिनट से लेकर 5:50 मिनट तक रहेगा।

यह मुहूर्त अमृतकाल है। इसके अलावा सुहागिन महिलाएं करवा चौथ की पूजा दिन के अभिजीत मुहूर्त काल में भी कर सकती है। यह मुहूर्त सुबह 11:21 मिनट से दोपहर 12:07 मिनट तक है। इसके अलावा करवा चौथ पर चंद्रोदय रात 8:09 मिनट पर होगा