सहकारी सभा के सचिव, प्रधान समेत पांच पर 74 लाख के गबन का केस
सहकारी सभा के सचिव, प्रधान समेत पांच पर 74 लाख के गबन का केस
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सहकारी सभा के ऋण व खाताधारकों और ग्रामीणों ने मिलकर संघर्ष कमेटी के माध्यम से सहायक पंजीयक विभाग के पास शिकायत सौंपी थी। शिकायत से पूर्व विभागीय कार्रवाई में सभा के सचिव धीरज कुमार को बर्खास्त भी किया जा चुका है।
बहुचर्चित नंगल सलांगड़ी कृषि सेवा सहकारी सभा सीमित में करीब 74 लाख रुपये की जमा पूंजी के गबन मामले में विजिलेंस ने पांच आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। आरोपियों में सभा के सचिव धीरज कुमार, प्रबंधक कमेटी के प्रधान रघुवीर सिंह, उपप्रधान इकबाल सिंह, कोषाध्यक्ष योगराज व शशि पाल शामिल हैं। मामले में आरोपियों की गिरफ्तारियां भी संभव हैं। सहकारी सभा के ऋण व खाताधारकों और ग्रामीणों ने मिलकर संघर्ष कमेटी के माध्यम से सहायक पंजीयक विभाग के पास शिकायत सौंपी थी। शिकायत से पूर्व विभागीय कार्रवाई में सभा के सचिव धीरज कुमार को बर्खास्त भी किया जा चुका है।
नंगल सलांगड़ी कृषि सेवा सहकारी सभा संघर्ष समिति के प्रधान श्याम चंदेल, महासचिव मुनीष और अन्य सदस्यों ने बताया कि तीन अगस्त 2021 को संघर्ष समिति बनाई। गबन मामले को लेकर सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं ऊना के माध्यम से विजिलेंस ब्यूरो ऊना में शिकायत दी। आरोपों की जांच में पता चला कि सभा के सचिव धीरज कुमार ने सभा की प्रबंधक कमेटी के प्रधान रघुवीर सिंह, उप प्रधान इकबाल सिंह, कोषाध्यक्ष योग राज और शशि पाल की मिलीभगत से जाली दस्तावेज तैयार किए। सदस्यों के नाम पर फर्जी ऋण दिखा कर जमा पूंजी का गबन भी किया।
ऑडिट में पता चला कि कई व्यक्तियों के ऋणों को नियमानुसार नहीं दिया। जाली दस्तावेजों के आधार पर वितरण कर दिया। कई खाता धारकों ने या तो ऋण लिया ही नहीं तो कम ऋणों को भी आरोपियों ने ज्यादा दर्शाया। ऋण की अदायगी करने वालों की जमा राशि को सचिव धीरज कुमार ने आगे बैंक में जमा ही नहीं कराया। पांचों आरोपियों ने मिलकर लगभग 74 लाख रुपये से अधिक के गबन को अंजाम दिया। ऊना के विजिलेंस ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक धर्मचंद वर्मा ने बताया कि पांचों आरोपियों के खिलाफ गबन, जालसाजी आदि विभिन्न धाराओं सहित हिमाचल प्रदेश सोसायटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
यह है मामला
नंगल सलांगड़ी कृषि सेवा सहकारी सभा में करीब 74 लाख के गबन का मामला लगभग दो वर्ष पुराना है। गबन की बू तब आई जब वर्ष 2020 में यहां के करीब 250 खाताधारकों व ऋण धारकों ने अपनी जमा पूंजी और ऋण को मांगना शुरू किया।
सोसायटी सचिव और पदाधिकारी टाल मटोल करते रहे। इसके बाद धीरे॒धीरे मामले की परतें खुलीं और सचिव सहित प्रधान, उप प्रधान , कोषाध्यक्ष भी जमा पूंजी को लेकर कोई उचित जवाब नहीं दे पाए। मामले में ग्रामीणों का गुस्सा भड़क गया। संघर्ष कमेटी के नेतृत्व में फिर गांव और ऊना में विभागीय कार्यालय के आगे धरने प्रदर्शन हुए।