Nov 21, 2024
HIMACHAL

खास खबर: हिमाचल में पंजाब और गुजरात की तर्ज पर तीन स्तरीय दुग्ध सोसायटियां करेंगी काम

Milk Societies: हिमाचल में पंजाब और गुजरात की तर्ज पर तीन स्तरीय दुग्ध सोसायटियां करेंगी काम

न्यूज़ देशआदेश

प्रदेश में अभी ग्राम और प्रदेश स्तर पर ये सोसायटियां काम कर रही हैं। वर्तमान में गुजरात और पंजाब में तीन स्तरीय सोसायटियां कार्य करके बेहतर तालमेल बैठाकर दूध उत्पादन से लेकर बिक्री तक का कार्य कर रही हैं।

हिमाचल में पंजाब और गुजरात की तर्ज पर दुग्ध उत्पादक सोसायटियां काम करेंगी, ताकि प्रदेश में उत्पादित दूध के समक्ष बाजार की चुनौतियों का सामना किया जा सके।

प्रदेश में अभी ग्राम और प्रदेश स्तर पर ये सोसायटियां काम कर रही हैं। वर्तमान में गुजरात और पंजाब में तीन स्तरीय सोसायटियां कार्य करके बेहतर तालमेल बैठाकर दूध उत्पादन से लेकर बिक्री तक का कार्य कर रही हैं।

ये सोसायटियों वेरका और अमूल को देश के विभिन्न राज्यों में चुनौती दे रही हैं। हिमाचल का दूध उत्पादन भी इस चुनौती से अछूता नहीं रहा है।

 

सरकारी आंकड़ों के अनुसार हिमाचल में उत्पादित सवा लाख लीटर दूध स्थानीय बाजारों में बिकता है तो इससे दोगुना दूध वेरका, अमूल और दूसरे ब्रांड का बेचा जा रहा है।

प्रदेश सरकार दूध उत्पादन बढ़ाने और गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए कसरत में लगी है। राज्य के अधिकारियों का एक दल गुजरात और पंजाब के अमृतसर में दुग्ध सोसायटियों का अध्ययन करके लौट चुका है।

ये अधिकारी बताते हैं कि दोनों राज्यों में दुग्ध सोसायटियां गांव, जिला और प्रदेश स्तर पर कार्य कर रही हैं। प्रदेश में सिर्फ गांव और प्रदेश स्तर पर सोसायटियां काम कर रही हैं। इन सोसायटियों को जिला स्तर पर गठित कर बेहतर तालमेल की जरूरत है, ताकि प्रदेश में दूध के बाजार में कब्जा किया जा सके।

 

तीन साल में दुग्ध उत्पादकों को 225 करोड़ रुपये का भुगतान
सरकारी आंकड़ों के अनुसार बीते तीन साल में दुग्ध उत्पादकों को 225 करोड़ रुपये का भुगतान किया। मिल्कफेड ने वर्ष 2020-21 के दौरान 346 लाख लीटर दूध सहकारी सभाओं से खरीदा। 2021-22 में राज्य में डेयरी गतिविधियों में सुधार करने के लिए दुग्ध प्रसंघ दत्तनगर में 50 हजार लीटर प्रतिदिन क्षमता का दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया है। यहां दूध प्रसंस्करण की क्षमता 70 हजार लीटर प्रति दिन बढ़ जाएगा। शिमला, कुल्लू, मंडी और बिलासपुर जिलों की डेयरी सहकारी समितियों को लाभ मिलेगा।