Jan 31, 2025
HIMACHAL

राज्यपाल शुक्ल बोले- नशे से एक-एक युवा को बचाने का लेना होगा संकल्प

Amar Ujala Young Achiever Awards: राज्यपाल शुक्ल बोले- नशे से एक-एक युवा को बचाने का लेना होगा संकल्प

 

 

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि हिमाचल में सब लोगों को नशे के खिलाफ एकजुट होने और एक-एक युवा को बचाने का संकल्प लेने की जरूरत है। उन्होंने चिंता जताई कि लोग अपने बच्चों को नहीं बचा पा रहे हैं। देश के पहले परमवीर चक्र विजेता सोमनाथ शर्मा जैसे वीर देने वाले हिमाचल में नशा ऐसे ही बढ़ता रहा तो देश की रक्षा के लिए सैनिक कहां आएंगे। लोग देवभूमि की परंपरा को भूल रहे हैं। नशे से घरों के चिराग बुझ रहे हैं।

 

 

वीरवार को शिमला में अमर उजाला यंग अचीवर अवार्ड्स-2025 समारोह में बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने लोक कलाकारों से भी आग्रह किया कि वे नशे के विरुद्ध अभियान चलाएं। राज्यपाल ने अलग-अलग क्षेत्रों में उल्लेखनीय काम से मिसाल पेश करने वाले 41 युवाओं को यंग अचीवर अवॉर्ड से सम्मानित किया। शुक्ल ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से हिमाचल में नशे के विरुद्ध अभियान शुरू किया। एक वर्ष तक वह स्वयं भी इस बात को लेकर संशय में थे कि इसका परिणाम क्या होगा, लेकिन मीडिया और आम लोगों के सहयोग से सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। वह इस दृढ़ विश्वास पर कायम हैं कि जो मुहिम उन्होंने शुरू की, वह रंग ला रही है। आज प्रदेश सरकार भी इस पर गंभीर है। लोग भी इस बात पर जगह-जगह चर्चा कर रहे हैं।

 

 

शुक्ल ने कहा कि समारोह में सम्मानित सभी युवा अपने घर, क्षेत्र और जिले में जहां तक भी उनका दायरा हो, वहां तक नशे को भगाने के लिए प्रतिबद्ध और संकल्पित हों। वे उनसे आग्रह करते हैं कि वे हिमाचल की संस्कृति को बचाएं।

 

 

 

पहला अवॉर्ड पाने वाली एक बेटी
राज्यपाल ने कहा कि उन्हें सबसे ज्यादा प्रसन्नता तब हुई, जब पहला अवॉर्ड पाने वाली एक बेटी है। बेटियां समाज के लिए मिसाल पेश कर रही हैं। एक ऐसी बेटी को भी सम्मानित किया, जिसने मुक्केबाजी में दमखम दिखा दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का उदाहरण देकर किया प्रोत्साहन

राज्यपाल ने सम्मानित किए युवाओं को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का उदाहरण देते हुए सामाजिक बदलाव की दिशा में सोचने की बात की। डॉ. कलाम ने देश को अद्भुत गौरव दिलाने का काम किया। पोखरण में परमाणू परीक्षण करने पर अमेरिका जैसा देश भी दंग रह गया था कि उसकी एजेंसियां कहां चूक गईं कि वे यह नहीं देख पाईं कि भारत ने कब परीक्षण किया। इसमें डॉ. कलाम अहम व्यक्ति थे और वह देश के राष्ट्रपति बने। इससे एक बात सामने आती है कि कुछ ऐसा करना और सोचना चाहिए, जिससे सही दिशा में सामाजिक बदलाव हों।

 

 

 

 

 

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