Apr 12, 2025
HIMACHAL

सीएम बोले- पिछली सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण हिमाचल झेल रहा आर्थिक संकट

हिमाचल विधानसभा बजट सत्र: सीएम बोले- पिछली सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण हिमाचल झेल रहा आर्थिक संकट

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

रामपुरघाट स्थित एक कंपनी के परिसर में अचानक भड़की आग, लाखों का नुकसान

 

रामपुरघाट औद्योगिक इकाई परिसर में देर शाम को अचानक आग भड़क गई। कंपनी परिसर के पिछली तरफ अचानक आग भड़कने से लाखों की क्षति बताई जा रही है। सूचना मिलने पर रामपुरघाट स्थित दमकल केंद्र की टीम ने आग पर काबू पा लिया।
मिली जानकारी अनुसार शुक्रवार देर शाम को इकाई परिसर के एसी कंपार्टमएंट तरफ अचानक स्पार्किंग होने लगी। धुआं उठने के साथ तेजी से आग पकड़ने लगी। इसके बाद तुरंंत फायर स्टेशन को सूचित कर दिया गया।

 

 

 

 

 

 

 

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि पिछली सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण हिमाचल झेल रहा है आर्थिक संकट

 

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछली सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण हिमाचल आर्थिक संकट झेल रहा है। केंद्र सरकार से 68 हजार करोड़ रुपये की विभिन्न ग्रांट मिलने के बावजूद जयराम सरकार ने 40 हजार करोड़ का ऋण भी लिया।

शुक्रवार दोपहर बाद विधानसभा सदन में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने वर्ष 2017 से 2022 तक केंद्र सरकार से मिली ग्रांट और तत्कालीन सरकार की ओर से लिए गए ऋणों के आंकड़े भी पेश किए। इस पर भड़के भाजपा विधायकों ने सदन में हंगामा करते हुए गुमराह करने की नारेबाजी की। कुछ देर अपनी सीटों पर खड़े होकर विरोध करने के बाद भाजपा विधायक सदन से बाहर चले गए। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट की आलोचना बहुत ही कमजोर रही। भाजपा विधायकों की ओर से से लगाए आरोप तथ्यों पर आधारित नहीं हैं।

 

 

 

 

 

 

 

विपक्ष की गैर मौजूदगी में मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार ने हिमाचल को कर्ज के जाल में फंसाया। पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में हिमाचल को राजस्व घाटा अनुदान और जीएसटी क्षतिपूर्ति के रूप में केंद्र सरकार से करीब 68 हजार करोड़ रुपये की उदार धनराशि प्राप्त हुई। भाजपा सरकार ने इस राशि को प्रदेश का कर्ज लौटाने या कर्मचारियों की वेतन आयोग की देनदारियां चुकता करने पर खर्च नहीं किया। चुनावों से पहले पांच हजार करोड़ रुपये की रेवड़ियां बांटी। धड़ाधड़ कई शिक्षण संस्थान खोले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार ने दो वर्ष के कार्यकाल में 29,046 करोड़ रुपये का ऋण लिया है। इसमें से 12,226 करोड़ रुपये पूर्व की सरकार के समय लिए गए ऋणों का ब्याज चुकाने और 8,087 करोड़ रुपये मूल चुकाने पर खर्च हुए हैं। विकास कार्यों के लिए सिर्फ 8,693 करोड़ रुपये ही बचे। पूर्व सरकार ने पांच साल के कार्यकाल में 40,352 करोड़ रुपये के ऋण लिए। वर्ष 2018-19 में 5745 करोड़, 2019-20 में 5000 करोड़, साल 2020-21 में 10,888 करोड़, 2021-22 में 8,321 करोड़ और दिसंबर 2022 तक 10,398 करोड़ रुपये के ऋण लिए। उन्होंने कहा कि आरडीजी को कम करने और ऋण जुटाने की सीमा को सीमित करने के कारण प्रदेश को तीन हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस कारण ही बजट आकार में आगामी वित्त वर्ष के लिए ज्यादा वृद्धि नहीं हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ओपीएस बहाल करने के चलते केंद्र सरकार ने राज्य की ऋण सीमा में 1,700 करोड़ रुपये की कटौती कर दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने बीते दो सालों में सुशासन पर जोर दिया है और संसाधन जुटाने और फिजूलखर्ची को कम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के आगामी वित्त वर्ष के बजट में पूंजीगत व्यय के लिए 3,976 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। आय के अतिरिक्त संसाधन जुटाने पर यह राशि बढ़ाई जाएगी। वर्ष के अंत तक प्रदेश में पूंजीगत खर्चों पर 5 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट पर चर्चा में सत्ता और विपक्ष के 24-24 विधायकों ने भाग लिया। 15 घंटे 30 मिनट तक चर्चा चली।

 

 

 

 

 

 

अग्निशमन अधिकारी पांवटा साहिब राम कुमार ने पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि समय रहते आग
पर काबू पा लिया गया जिससे आग को कंपनी परिसर में फैलने से बचाया जा सका।