जवान सीख रहे चीन और तिब्बत की भाषा, जानें वजह?
हिमाचल पुलिस के जवान सीख रहे चीन और तिब्बत की भाषा, जानें क्या है वजह?
इंटेलिजेंस नेटवर्क को मजबूत करने के लिए जवानों को दिया जा रहा है प्रशिक्षण
न्यूज़ देशआदेश
चीन के साथ बढ़ते तनाव, धर्मगुरु दलाईलामा की सुरक्षा और जासूसी के आरोप में चीनी महिलाओं की गिरफ्तारी के बीच हिमाचल पुलिस अलर्ट है।
हिमाचल पुलिस सीमा से सटे गांवों और तिब्बतियन इलाकों में तैनात होने वाले जवानों को चीन और तिब्बत की भाषा सिखा रही है। यह प्रशिक्षण कांगड़ा जिले के धर्मशाला में दिया जा रहा है। दोनों ही भाषाएं किसी को समझ में नहीं आती हैं। हिमाचल में 21 हजार तिब्बतियन रहते हैं।
इसलिए इंटेलिजेंस नेटवर्क को मजबूत करने के लिए जवानों को यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के बाद इन जवानों को चीन सीमा के साथ लगते गांवों में तैनात किया जाएगा।
किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिले चीन के साथ 240 किलोमीटर की सीमा को साझा करते हैं। अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास लगभग 48 गांव हैं, जिनमें से 36 किन्नौर जिला के हैं।
ये गांव 160 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं। 12 गांव लाहौल-स्पीति में हैं, जो चीन के साथ 80 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं।
केंद्र सरकार वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के दिशा-निर्देश जारी होने के बाद किन्नौर के चितकुल, नामग्या, चांगो के सीमावर्ती क्षेत्रों और लाहौल-स्पीति जिले के समदो में चार नई पुलिस चौकियां स्थापित की जाएंगी। यह मामला प्रदेश सरकार के पास विचाराधीन है।
डीजीपी संजय कुंडू ने सोमवार को मीडिया को बताया कि पुलिस ने केंद्र सरकार को भेजे प्रस्ताव में कहा है कि पुलिस चौकियों को जासूसी की जांच करने और पर्यटकों, विदेशियों, व्यापारियों और ट्रैकर्स की बढ़ती गतिविधियों पर निगरानी रखने की आवश्यकता है, जो गर्मी के मौसम में विशेष रूप से मई से अक्तूबर तक इन स्थानों पर व्यस्त हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस में आने वाले नए अफसरों की भी सीमा से सटे गांवों में तैनाती की जाएगी।
लोगों का पलायन रोकने के लिए अभियान जारी
सीमा से सटे क्षेत्रों से लोगों का पलायन रोकने के लिए अभियान जारी है। डीजीपी कुंडू ने कहा कि सीमा से सटे गांवों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार आदि की व्यवस्था की जा रही है। बीते दो सालों में लोगों की स्थिति में काफी सुधार आया है।