Oct 18, 2024
EDUCATION

केंद्र सरकार ने दी मंजूरी: 4000 प्री प्राइमरी स्कूलों में भी अगले सत्र से मिलेगा दोपहर का भोजन

केंद्र सरकार ने दी मंजूरी: 4000 प्री प्राइमरी स्कूलों में भी अगले सत्र से मिलेगा दोपहर का भोजन

देश आदेश ब्यूरो, शिमला

सार
हिमाचल प्रदेश में चल रहे करीब चार हजार प्री प्राइमरी स्कूलों में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या 30 हजार तक पहुंच गई है। राज्य सरकार की ओर से इन कक्षाओं के विद्यार्थियों को भी दोपहर का भोजन देने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था, जिसे अब मंजूरी मिल गई है।

विस्तार
प्रदेश के करीब चार हजार प्री प्राइमरी स्कूलों में भी अगले शैक्षणिक सत्र से विद्यार्थियों को दोपहर का भोजन दिया जाएगा। हिमाचल सरकार के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। नर्सरी और केजी कक्षा के करीब 30 हजार से अधिक छोटे बच्चों को भी स्कूलों में गर्म भोजन देने के लिए शामिल कर दिया है। केंद्र सरकार ने मिड डे मील योजना का नाम भी बदलकर प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण कर दिया है।

निजी स्कूलों का मुकाबले करने के लिए सरकारी स्कूलों में नर्सरी और केजी कक्षा को शुरू किया गया है। साल दर साल इन कक्षाओं में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ रही है। अब प्रदेश में चल रहे करीब चार हजार प्री प्राइमरी स्कूलों में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या 30 हजार तक पहुंच गई है। प्रदेश सरकार की ओर से इन कक्षाओं के विद्यार्थियों को भी दोपहर का भोजन देने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था, जिसे अब मंजूरी मिल गई है। वर्ष 2022 में शुरू होने वाले नए शैक्षणिक सत्र से इन कक्षाओं के विद्यार्थियों को भी स्कूलों में दोपहर का भोजन दिया जाएगा।

 

वर्तमान में प्रदेश के 15 हजार स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को दोपहर का भोजन दिया जा रहा है। केंद्र सरकार की ओर से इसके लिए 116 करोड़ का बजट दिया गया है। प्राइमरी कक्षाओं में प्रति विद्यार्थी सौ ग्राम चावल और अपर प्राइमरी में 150 ग्राम चावल दिए जाते हैं। कोरोना संकट के चलते वर्ष 2020 से स्कूलों में मध्याह्न भोजन नहीं पक रहा है। विद्यार्थियों को हर माह सूखा राशन दिया जाता है।

पहली से आठवीं कक्षा में बढ़े साढ़े 14 हजार विद्यार्थी
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कोरोना संकट के दौरान विद्यार्थियों की संख्या काफी बढ़ी है। निजी स्कूलों को छोड़कर सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने वाले पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों की संख्या में वर्ष 2020 के मुकाबले 2021 में करीब साढ़े 14 हजार की बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2020 में विद्यार्थियों की संख्या 4.89 लाख थी, जो वर्ष 2021 में बढ़कर 5 लाख तीन हजार 456 पहुंच गई है।

 

Originally posted 2021-12-19 01:39:16.