Nov 22, 2024
EDUCATION

शिक्षा: हिमाचल में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी स्थानीय बोली में पढ़ेंगे पाठ

शिक्षा: हिमाचल में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी स्थानीय बोली में पढ़ेंगे पाठ

 लोक संस्कृति भी पाठ्यक्रम में होगी शामिल

स्थानीय भाषा में पढ़ाया जाएगा तो उन्हें समझने में रहेगी आसानी 

 न्यूज देशआदेश
हिमाचल की स्थानीय बोलियां अब सरकारी स्कूलों में पढ़ाई जाएंगी। प्राथमिक स्तर पर नौनिहाल विभिन्न जिलों के प्रचलित शब्दों को जानेंगे। इसके लिए सभी जिलों के शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) ने मैपिंग शुरू कर दी है। इसका मकसद विद्यार्थियों को शुरुआत से स्थानीय बोलियों के प्रति जागरूक कर बोलियों को संरक्षित करना है। इसके लिए अलग से जिलावार डिक्शनरी तैयार की जाएगी। उस डिक्शनरी में स्थानीय बोली के कई शब्द लिए जाएंगे। उन शब्दों को फिर किताबों में लाया जाएगा। इससे बच्चों को स्कूलों में पढ़ाई के साथ लोक संस्कृति और स्थानीय भाषा की जानकारी भी मिलती रहेगी।

इसलिए किया जा रहा प्रयास

अभी तक नौनिहालों को स्कूलों में अन्य राज्यों का इतिहास पढ़ाया जाता है, जबकि हिमाचल की अपनी अलग पहचान है। यहां कई तरह की बोलियां और लोक संस्कृति हैं। हिमाचल के इतिहास की जानकारी न होने के कारण लोग इसे भूलते जा रहे हैं। बच्चों को अगर स्थानीय लोक संस्कृति और स्थानीय भाषा में पढ़ाया जाएगा तो उन्हें समझने में आसानी रहेगी। उन्हें पढ़ने के साथ अपनी संस्कृति की भी जानकारी मिलेगी।

इस तरह तैयार होगी डिक्शनरी 

डाइट जो मैपिंग तैयार करेगा, उसमें लोक संस्कृति पर ज्यादा फोकस रहेगा। इसमें एक डिक्शनरी तैयार होगी, जिसमें स्थानीय लोक संस्कृति अधिक रहेगी। डाइट को निर्देश दिए गए हैं कि स्थानीय प्रचलित वस्तुओं और शब्दों को डिक्शनरी में ज्यादा से ज्यादा डालें। जैसे कुल्लू शॉल, चंबा के रूमाल के बारे में बच्चों को पढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। डिक्शनरी तैयार करने के लिए स्थानीय लोगों की मदद भी ली जाएगी।

नई शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में शिक्षण सामग्री में बदलाव करने का प्रयास किया जा रहा है। बच्चों को प्राइमरी से ही स्थानीय लोक संस्कृति और बोली में कुछ पाठ पढ़ाए जाएंगे। इसके लिए डाइट अपने-अपने जिले में मैपिंग कर वहां की डिक्शनरी तैयार करेंगे।– रीता शर्मा, प्रधानाचार्य, राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद सोलन

Originally posted 2022-03-04 01:22:34.