Jun 22, 2025
CRIME/ACCIDENT

पेन ड्राइव और डीजीपी के हलफनामे से कटघरे में शिमला पुलिस की जांच

Vimal Negi Case: पेन ड्राइव और डीजीपी के हलफनामे से कटघरे में शिमला पुलिस की जांच, उठे ये गंभीर सवाल

 देशआदेश

सार

 डीजीपी ने विमल नेगी की जेब से मिली पेन ड्राइव छिपाने और फॉरमेट करने के साक्ष्य हलफनामे के माध्यम से कोर्ट के समक्ष रखे हैं। डीजीपी का हलफनामा विमल नेगी मौत की जांच सीबीआई को सौंपने का मुख्य आधार बना है।

Vimal Negi Case: DGP's pen drive revelations put SIT in the dock, these serious questions raised on the invest
हिमाचल पुलिस महानिदेशक डॉ. अतुल वर्मा

विस्तार

एचपीपीसीएल के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत की जांच मामले में  पुलिस महानिदेशक डाॅ. अतुल वर्मा की ओर से हाईकोर्ट में दिए गए हलफनामे ने शिमला पुलिस की जांच को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने जांच पर गंभीर सवाल उठाए हैं। डीजीपी ने विमल नेगी की जेब से मिली पेन ड्राइव छिपाने और फॉरमेट करने के साक्ष्य कोर्ट के समक्ष रखे हैं। डीजीपी का हलफनामा विमल नेगी मौत की जांच सीबीआई को सौंपने का मुख्य आधार बना। डीजीपी ने 15 मार्च को विमल नेगी को तलाशने के लिए एसआईटी का गठन किया।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

डीएसपी अमित कुमार को एसआईटी प्रमुख बनाया गया। इनके अलावा एसएचओ सदर थाना शिमला धर्मसेन नेगी, एसएचओ पुलिस स्टेशन घुमारवीं अमिता देवी और आईओ पुलिस स्टेशन शिमला यशपाल को सदस्य बनाया गया।

 

 

 

 

 

 

 

 

अतिरिक्त महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह को एसआईटी के काम की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया। 18 मार्च के विमल नेगी का शव बरामद हुआ। 20 मार्च को शिमला पुलिस ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की।
सूत्र बताते हैं कि बिना किसी लिखित आदेशों के सदर थाना शिमला के एएसआई पंकज शर्मा विमल नेगी गुमशुदगी मामले की जांच के लिए आरक्षी विपिन के साथ 14 मार्च को ही चंडीगढ़ रवाना हो गए। इस मामले में एफआईआर 19 मार्च को शाम 5:34 मिनट पर दर्ज की गई। बिलासपुर व चंडीगढ़ से मामले की जांच कर एएसआई पंकज शर्मा 20 मार्च को वापस लौटे और विमल नेगी का शव गोविंदसागर झील में बरामद होने की सूचना दी।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

आईकार्ड, कैश औैर पर्स बरामदगी में दिखाया, पेन ड्राइव की बात छिपाई
पुलिस सूत्रों के अनुसार 18 मार्च को सुबह स्वारघाट थाने को गोविंदसागर झील में शव मिलने की सूचना मिली थी। जांच टीम मौके पर पहुंची तो शव नहीं मिला। स्थानीय लोगों ने बताया कि संभव है कि शव आगे बह गया हो।
इसके बाद एएसआई पंकज नाव में दो स्थानीय मछुआरों के साथ गोविंदसागर झील में आगे की ओर बढ़े। तलाई पुलिस स्टेशन की सीमा में शाम 4:00 बजे शव मिला। सूत्रों के अनुसार एक मछुआरे ने विमल नेगी की जेब से पेन ड्राइव निकाली और दूसरे ने इसकी वीडियो बनाई।
विमल नेगी के शव के पास दाे आईकार्ड, कैश और पर्स को बरामदगी में दिखाया गया लेकिन पेन ड्राइव मिलने की बात तलाई पुलिस स्टेशन की टीम से छिपा दी गई। नियमों के अनुसार शव मिलने पर तलाशी स्थानीय थाने की टीम ही कर सकती है, लेकिन विमल नेगी के शव की तलाशी से पेन ड्राइव गायब कर दी गई थी।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

हल्फनामे में डीजीपी ने उठाए सवाल
– पेन ड्राइव को क्यों फॉर्मेट किया गया, कितने लोगों को पता था कि विमल नेगी से पेन ड्राइव बरामद हुई है?
– विमल नेगी की जेब से पेन ड्राइव मिलने पर एएसआई पंकज इसे लेकर फोन पर किससे बात कर रहा है?
– फोरेंसिक उपकरणों की मदद से फॉर्मेट पेन ड्राइव से दस्तावेज रिकवर किए गए हैं, तो कुछ खराब कैसे हो गए?

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

रिपोर्ट में खुलासा, अधिकारियों को चार्जशीट करने की देता था धमकी
हाईकोर्ट में सौंपी गई एसीएस की रिपोर्ट में पावर कॉरपोरेशन के निलंबित निदेशक देशराज पर अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रताड़ना और धमकाने के गंभीर आरोप लगे हैं। काम करने के लिए कर्मचारियों पर दबाव बनाया जाता था। अगर कोई अधिकारी सवाल-जवाब करता तो उन्हें चार्जशीट करने की धमकी दी जाती थी। जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में महिलाओं की ओर से दिए गए बयानों में बताया गया कि देर रात तक उन्हें कार्यालय में बैठने के लिए मजबूर किया जाता था। अधिकारी भी कार्यालय में शाम 9:00 बजे तक बैठते थे। अगर कोई कार्यालय में किसी कार्य में आनाकानी करता था तो कहा जाता था कि आप प्राब्लम में आ जाओगे।
पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी और देशराज एनआईटी हमीरपुर में पढ़ते थे। विमल नेगी देशराज से सीनियर थे। देशराज बार-बार विमल नेगी को कमरे में फाइल के साथ बार-बार बुलाता था। कई घंटे तक उन्हें कमरे में खड़ा रखा जाता था। उन्हें रात को भी घर से बुलाया जाता रहा है। वह लगातार मानसिक तनाव में आ रहे थे। यह भी पता चला है कि विमल नेगी ही नहीं, बल्कि और भी कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारी भी मानसिक प्रताड़ना के शिकार होते जा रहे थे। कई अधिकारी व कर्मचारियों ने अपने बयान में मानसिक तनाव की दवाइयां लेने की भी बात कही है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

मछुआरे के मोबाइल से बनी वीडियो ने खोला पेन ड्राइव का राज
मृतक विमल नेगी से पेन ड्राइव मिलने का खुलासा मछुआरे के मोबाइल फोन से बनी वीडियो और फोटोग्राफ से हुआ। जब विमल नेगी का शव 18 मई को मिला तो उस समय पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। इस दौरान मछुआरे ने वीडियो बनाया। इसी वीडियो में एएसआई पंकज विमल नेगी के शव से पेन ड्राइव मिलने की बात कहते हुए दिखाई दे रहा है। पुलिस ने जांच के दौरान मछुआरे का मोबाइल फोन भी कब्जे में लिया था। इसके अलावा पुलिस ने दो अन्य मछुआरों के बयान भी दर्ज किए थे।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

पेन ड्राइव बदला जा सकता है मटेरियल कॉपी करने के बाद…
विमल नेगी की मौत के मामले में पुलिस महानिदेशक अतुल वर्मा की रिपोर्ट ने पुलिस पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। इसमें एक मोबाइल फोन से निकाली गई 20 मार्च की चैट का हवाला दिया गया है। इसमें पांच पुलिस कर्मचारियों के बीच पेन ड्राइव की हैश वेल्यू, पेन ड्राइव की जब्ती, पेन ड्राइव के यूनिक नंबर सहित अन्य विषयों के बारे में बातचीत है। इस दौरान एक अधूरी चैट में पेन ड्राइव बदला जा सकता है मटेरियल कॉपी करने के बाद…का जिक्र किया गया है।
एक अन्य चैट का हवाला देते हुए डीजीपी ने बताया कि इसमें इस बात की चर्चा की गई है कि पेन ड्राइव बदलनी चाहिए या नहीं। यह बातचीत पेन ड्राइव को फॉर्मेट करने के एक दिन पहले की है। उन्होंने एसपी शिमला से विमल नेगी मामले का रिकॉर्ड मांगा तो एसपी ने हर एक कोशिश की कि रिकॉर्ड डीजीपी तक न पहुंचे।