गांवों में नियमों के तहत भवन निर्माण पर होगा फैसला
HP Cabinet Meeting: कैबिनेट बैठक आज, गांवों में नियमों के तहत भवन निर्माण पर होगा फैसला; जानें विस्तार से

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ग्रामीण क्षेत्रों में नक्शे के तहत भवनों के निर्माण का मामला फिर कैबिनेट की बैठक में लाया जा रहा है। लोगों को कोई दिक्कत न आए, इसके चलते कैबिनेट में इस मामले में विस्तृत चर्चा होगी। शनिवार को राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में दोपहर 12 बजे होने वाली बैठक में पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों की ओर से प्रस्तुति दी जानी है। कैबिनेट बैठक में पंचायतीराज चुनाव करवाने को लेकर भी स्थिति स्पष्ट हो सकती है।

बीते दिनों कुछ उपायुक्तों ने आपदा को ध्यान में रखते हुए चुनाव कुछ देरी से करवाने की सिफारिश की है। बैठक में शिमला रोपवे प्रोजेक्ट को भी स्वीकृति मिल सकती है। प्रदेश में प्राकृतिक आपदा प्रभावितों को राहत राशि देने के लिए होने वाले कार्यक्रमों की भी बैठक में रूपरेखा बनेगी। ग्रामीण विकास विभाग की ओर से तैयार किए गए नियमों के तहत नदी-नालों के किनारे किसी को भवन निर्माण की मंजूरी नहीं देने की तैयारी है। शनिवार को होने वाली बैठक में इस बाबत चर्चा की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी भवन निर्माण को लेकर नक्शे बनाने की शक्तियां सर्वेयर या फिर किसी एजेंसी को दी जाएंगी। ग्रामीण क्षेत्रों में भवन निर्माण के लिए छूट रहेगी। अगर कोई व्यक्ति गांव में जमीन खरीदकर भवन या फिर व्यावसायिक गतिविधि चलाता है तो उसे नियमों के तहत ही भवनों का निर्माण करना होगा। पंचायतों में 500 वर्ग मीटर से कम प्लॉट पर मकान बनाने के लिए नियम सरल होंगे। प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के चलते सरकार ने यह फैसला लिया है।
उधर, कैबिनेट बैठक में तारादेवी-शिमला रोपवे प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल सकती है। करीब 14 किलोमीटर लंबे इस रोपवे से शिमला शहर के 15 स्टेशन जुड़ेंगे। परियोजना के पूरा होने के बाद राजधानी के मुख्य मार्गों पर ट्रैफिक जाम की समस्या से राहत मिलने की उम्मीद है। इस परियोजना को केंद्रीय वन मंत्रालय से वन संरक्षण अधिनियम के तहत स्टेज-1 की मंजूरी मिल चुकी है। यह रोपवे विश्व का दूसरा सबसे लंबा और देश का सबसे बड़ा रोपवे प्रोजेक्ट होगा। हिमाचल प्रदेश रोपवे ट्रांसपोर्ट डिवेलपमेंट काॅरपोरेशन ने इस प्रस्ताव को फिर से तैयार किया है, क्योंकि परियोजना के लिए नई टेंडर प्रक्रिया को अंतिम रूप देना है। इस परियोजना की लागत 1734.40 करोड़ रुपये थी, जो अब बढ़कर 2296 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।
कैबिनेट बैठक में नगर निगम शिमला के मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यकाल बढ़ाने का फैसला हो सकता है। वर्तमान में एमसी रोस्टर के तहत ढाई साल बाद मेयर-डिप्टी को बदला जाना होता है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि शनिवार की बैठक में वर्तमान मेयर और डिप्टी मेयर को ही पांच साल तक रखने का फैसला होगा। बैठक में विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े पदों को भी भरने का फैसला होगा।

