फंड है नहीं, ठेकेदारों को दे दिए टोकन
मौसम में बड़ा उलटफेर… इस बार देर से आएगी सर्दी, जानिए कब गिरेगा पारा और कहां-कहां बारिश का अलर्ट

देशआदेश
इस बार उत्तर भारत में ठंड की दस्तक देर से होगी। मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुमान के मुताबिक देश में बारिश इस माह सामान्य (77-123 प्रतिशत) रहने की संभावना है, जबकि अधिकतम तापमान ज्यादातर क्षेत्रों में सामान्य या सामान्य से कम रह सकता है। ला नीना और नकारात्मक आईओडी स्थितियों का प्रभाव सर्दी की शुरुआत और बारिश के पैटर्न पर दिखाई देगा, खासकर दक्षिण भारत और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में। आईएमडी के मुताबिक नवंबर में पूरे देश का सामान्य औसत 29.7 मिमी रहता है।
दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत जिसमें तमिलनाडु, पुडुचेरी-कराईकल, तटीय आंध्र प्रदेश-यनम, रायलसीमा, केरल-माहे और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक शामिल हैं, में सामान्य बारिश की संभावना जताई गई है। इस क्षेत्र में अक्टूबर-दिसंबर के दौरान सक्रिय पूर्वोत्तर मानसून के तहत नवंबर में सामान्यतः 118.7 मिमी बारिश होती है। आईएमडी के अनुसार दक्षिण भारत उत्तर-पूर्वी राज्यों और मध्य भारत के बड़े हिस्सों में सामान्य से अधिक या सामान्य बारिश हो सकती है। वहीं उत्तर-पश्चिम भारत तथा दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों में बारिश सामान्य से कम रहने की आशंका है। वहीं पंजाब और हिमाचल प्रदेश में मंगलवार से दो दिनों तक भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
दिसंबर तक बना रहेगा मौसम का उतार-चढ़ाव
आईएमडी ने कहा है कि भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में ला नीना स्थितियां सक्रिय हैं और ये दिसंबर 2025 तक बनी रह सकती हैं। इसके प्रभाव से दक्षिण भारत में बारिश बनी रह सकती है, जबकि उत्तर भारत में सर्दी की शुरुआत देर से हो सकती है। इसके साथ ही हिंद महासागर में नकारात्मक इंडियन ओशियन डाइपोल (आईओडी) की स्थिति बनी हुई है, हालांकि आने वाले महीनों में इसके कमजोर होने की संभावना है। प्रशांत महासागर की ईएनएसओ (एल नीनो-ला नीना चक्र) और हिंद महासागर के समुद्री तापमान पैटर्न भारतीय जलवायु को गहराई से प्रभावित करते हैं। कुल मिलाकर, नवंबर 2025 में देश सामान्य बारिश और मध्यम तापमान उतार-चढ़ाव के साथ मौसम में बदलाव का महीना रहेगा। दक्षिण भारत में पूर्वोत्तर मानसून सक्रिय रहेगा, जबकि उत्तर भारत में ठंड की दस्तक थोड़ी देर से हो सकती है। रातें सामान्य से ज्यादा गर्म और दिन सामान्य दायरे में रहने की संभावना है।
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उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के विधायकों ने आपदा के समय में अपनी सैलरी तो बढ़ा ली, लेकिन ठेकेदारों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। पिछले सप्ताह ठेकेदारों ने प्रदर्शन कर सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है। अगर भुगतान नहीं किया गया तो 11 नवंबर तक संघर्ष समिति गठित की जाएगी। इसके बाद सड़क पर विरोध प्रदर्शन के साथ चक्का जाम भी किया जाएगा।
ठेकेदारों ने कहा कि कई ठेकेदारों ने बैंक से लोन ले रखे हैं। भुगतान रुकने से वे किस्तें भी नहीं दे पा रहे। बैंकों की ओर से ठेकेदार डिफाल्टर घोषित किए जा रहे हैं। बच्चों की फीस भरना तक मुश्किल हो गया है। उन्होंने सरकार से बकाया भुगतान जल्द जारी करने और जीएसटी दरों में राहत देने की मांग उठाई है।

