Nov 21, 2024
HIMACHAL

हिमाचल के सरकारी कर्मचारियों को तोहफा, जानें कैबिनेट के बड़े फैसले

Himachal Cabinet Decisions: हिमाचल के सरकारी कर्मचारियों को तोहफा, जानें कैबिनेट के बड़े फैसले

 

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हिमाचल प्रदेश कैबिनेट की बैठक सोमवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में शिमला में आयोजित की गई। बैठक में कर्मचारियों व अन्य वर्गों के लिए कई बड़े फैसले लिए गए हैं। बैठक में कर्मचारियों व अन्य वर्गों के लिए कई बड़े फैसले लिए गए हैं। प्रदेश कैबिनेट ने सूबे के करीब चार लाख कर्मचारियों और किसानों को बड़ी राहत दी है। प्रदेश सरकार कर्मचारियों को घर बनाने या फ्लैट खरीदने के लिए अब 7.50 के बजाय 15 लाख रुपये तक कर्ज देगी। यह कर्ज लगभग आठ फीसदी ब्याज दर पर दिया जाएगा। ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर भी कर्मचारियों के आश्रितों को न्यूनतम 30,000 के बजाय 55,000 जबकि अधिकतम एक लाख के बजाय 1.50 लाख रुपये दिए जाएंगे।

अनुबंध कर्मचारियों के परिजनों के लिए न्यूनतम 35,000 और अधिकतम एक लाख रुपये की राशि दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि मंत्रिमंडल ने राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए हाउस बिल्डिंग एडवांस (एचबीए) की दरों, पात्रता और अधिकतम सीमा में संशोधन को मंजूरी दी है। यह एडवांस बैंक से कर्ज की तरह दिया जाता है। इस एचबीए की अधिकतम सीमा अब मूल वेतन का 25 गुना होगी। इससे पहले यह 34 फीसदी थी। अब कर्मचारियों का नया मूल वेतन ढाई गुना बढ़ गया है, इसीलिए ऐसा किया गया है।

कैबिनेट ने राज्य में हाल ही में भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से हुए जानमाल के भारी नुकसान पर चिंता व्यक्त की है। बैठक में  कैबिनेट ने प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के कारण 32 लोगों के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं। भारी बारिश के कारण प्रदेश में अभी भी कम से कम 6 लोग लापता हैं और 12 घायल हो गए हैं।

खैर के पेड़ काट सकेंगे
निजी भूमि पर खैर कटान के लिए किसानों को अब दस साल इंतजार नहीं करना पड़ेगा। दस साल अवधि की शर्त को हटाया जाएगा। अब कभी भी खैर कटान किया जा सकेगा। बशर्ते, पेड़ परिपक्व अवस्था में हों। अभी तक खैर कटान नीति में यह प्रावधान है कि 10 साल बाद ही किसी भी बीट में खैर कटान किया जा सकता था। वन विभाग से इसकी मंजूरी लेनी पड़ती थी।

राज्य के निचले और मध्य क्षेत्रों के किसानों को लाभान्वित करने के लिए निजी भूमि पर खैर के पेड़ों के कटान की नीति की समीक्षा करने को स्वीकृति दी गई है। वन कटान को लेकर एक मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। हालांकि, इस नीति में संशोधन किया जाएगा और इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट से राहत मांगी जाएगी। राज्य में खैर के पेड़ों की खेती ऊना, कांगड़ा, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन आदि में होती