भले ही फैक्टरी की आग शांत हो गई हो, कई परिवारों को उम्रभर के दे गई जख्म
भले ही फैक्टरी की आग शांत हो गई हो, कई परिवारों को उम्रभर के दे गई जख्म
देशआदेश
बद्दी अग्निकांड के बाद भले ही परफ्यूम फैक्टरी की आग शांत हो गई हो, लेकिन अग्निकांड कई परिवारों को उम्रभर के जख्म दे गया।।
औद्योगिक क्षेत्र बद्दी के झाड़माजरी में हिलटॉप स्थित परफ्यूम फैक्टरी के बाहर चंबा के सर्वदयाल अपनी पत्नी चंपो को तीन दिन और रात से बिना खाए-पीए तलाश रहे हैं।
बच्चों के पेट की आग बुझाने गईं चंपो लापता हैं। रोते-बिलखते बच्चों को देख सर्वदयाल समझ नहीं पा रहे कि उनकी मां को वह कहां से लेकर आएं। छह साल की रूही रात को मम्मा-मम्मा कहते हुए बार-बार उठ जाती है।
चारों तरफ नजर दौड़ाती है और मां को अपने पास न पाकर रोने लगती है। रूही अब भी यही सोचती है कि मां फैक्टरी में काम करने के बाद घर लौटेगी और उसे प्यार-दुलार करेगी। 11 साल के अथर्व का भी यही हाल है। अथर्व के जन्मदिन को खास बनाने की तैयारी में मां चंपो कई दिन से पैसे जोड़ रही थीं।
घटना वाले दिन शुक्रवार को बेटे से केक भी कटवाना चाहती थीं। केक का ऑर्डर देने के लिए उस दिन चंपो सुबह काम पर घर से आधा घंटा पहले 8:30 बजे ही चली गईं। लेकिन उसके बाद घर नहीं लौटीं।
सर्वदयाल ने बताया कि उनकी पत्नी ने 15 दिन पूर्व ही फैक्टरी बंद होने की बात कही थी। कहा था कि फैक्टरी बंद होने वाली है, ऐसे में अब वह दूसरी जगह नौकरी की तलाश में जुट जाएगी।