ड्रग अलर्ट में हिमाचल की दवा निर्माता कंपनियां भी शामिल
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बताया, ड्रग अलर्ट में हिमाचल की दवा निर्माता कंपनियां भी शामिल
देशआदेश मीडिया
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने राज्यसभा सांसद इंदु बाला गोस्वामी को संसद में बताया कि ड्रग कंपनियों की ओर से दवाइयों के निर्माण में उचित मानदंडों को सुनिश्चित करने के लिए गत वर्ष केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने राज्य लाइसेंसिंग अधिकारियों से मिलकर 400 दवा कंपनियों का निरीक्षण किया गया। इनमें से 300 दवा कंपनियों पर कार्रवाई अमल में लाई गई।
उन्होंने बताया कि इन 300 दवा कंपनियों पर विभिन्न धाराओं में कार्रवाई की गई जिसमें से कंपनियों को कारण बताओ नोटिस, दवा उत्पादन में रोक, लाइसेंस रद्द करना और प्रोडक्ट लाइसेंस रद्द करना शामिल है। विभिन्न दवा कंपनियों के 812 ड्रग सैंपल लिए गए जिसमें से 118 दवाइयों के सैंपल घटिया पाए गए।
पटेल ने बताया कि सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन की ओर से घटिया दवाइयों के बारे में अप्रैल में जारी ड्रग अलर्ट में हिमाचल प्रदेश की दवा निर्माता कंपनियां भी शामिल हैं।
अब नालों से पांच और नदी से सात मीटर दूर करना होगा भवन निर्माण, नियम लागू
हिमाचल प्रदेश में अब नालों और खड्डों के किनारे उचित दूरी पर भवनों का निर्माण करना होगा। नालों से 5 मीटर, जबकि खड्डों नदी से 7 मीटर छोड़कर ही लोग भवनों का निर्माण कर सकेंगे। राजपत्र में इसे प्रकाशित कर दिया है। प्रदेश सरकार ने इस बारे में जनता से आपत्तियां और सुझाव मांगे थे। अब ये नियम लागू हो गए हैं।
इससे पहले नालों से 3, जबकि खड्डों और नदी से 5 मीटर की दूरी पर भवनों का निर्माण होता था। हिमाचल में पिछले मानसून सीजन के दौरान आई प्राकृतिक आपदा के चलते नदी और नालों के किनारे बने भवनों को भारी नुकसान हुआ था। तीन हजार से ज्यादा भवन क्षतिग्रस्त हुए थे। इस बार भी चंबा, कुल्लू और जिला शिमला में आपदा आने ने जानमाल का नुकसान हुआ है। ऐसे में सरकार ने भवन निर्माण के नियमों में बदलाव का फैसला लिया है। हिमाचल में जिन नालों में बारिश का पानी नहीं भी आता है, वहां भी ये नियम लागू होंगे। इसके लिए राजस्व रिकॉर्ड से जानकारी ली जाएगी।