हिमाचल में ट्रेनी में तबदील होंगे सभी अनुबंध कर्मचारी
हिमाचल में ट्रेनी में तबदील होंगे सभी अनुबंध कर्मचारी, दो साल के बाद पहले की तरह हो सकेंगे नियमित




हिमाचल प्रदेश में अनुबंध व्यवस्था खत्म कर अब ट्रेनी के रूप में नई भर्तियां होंगी। दो साल ट्रेनी रहने के बाद कर्मचारी नियमित होंगे। नई व्यवस्था के तहत अभी जो अनुबंध पर कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं, वे भी ट्रेनी में तबदील होंगे। कैबिनेट की ओर से बीते दिनों लिए गए फैसले को लागू करते हुए कार्मिक विभाग ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों और प्रबंध निदेशकों को नई भर्ती को लेकर निर्देश जारी कर दिए हैं। प्रदेश में सभी भर्तियों पर कर्मचारी सेवा शर्तें अधिनियम 2024 लागू होगा।

नई भर्तियों के तहत पहले की तरह संबंधित पद पर लागू वेतन मैट्रिक्स स्तर के पहले सेल का 60 फीसदी ही प्रतिमाह वेतन मिलेगा। ट्रेनी को नियमित कर्मचारियों की तरह पेंशन, जीपीएफ और छुट्टी के लाभ नहीं दिए जाएंगे। इन्हें मेडिकल बिलों का भुगतान भी नहीं होगा और न एलटीसी मिलेगा। सरकार ने भर्ती और सरकारी कर्मचारियों की सेवा शर्तें अधिनियम 2024 लागू करने के बाद अनुबंध आधार पर नियुक्तियों की प्रणाली को आधिकारिक रूप से समाप्त कर दिया है। 20 फरवरी को लागू इस कानून में 12 दिसंबर 2003 से पूर्व के प्रावधान भी शामिल किए गए हैं, जो अनुबंध नियुक्तियों को नियमितीकरण द्वारा नियुक्तियों से प्रतिस्थापित करते हैं।
पहले से चल रहीं भर्तियों सहित सभी आगामी भर्तियां ट्रेनी आधारित नियुक्ति मॉडल के तहत होंगी। ट्रेनी और सरकार के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। ट्रेनी अवधि के दौरान कोई भी ईपीएफ/जीपीएफ या बीमा योजना लागू नहीं होगी। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि पिछले नियमों के तहत लंबित भर्ती आवश्यकताएं और चल रहे चयन, जहां पहले से ही ऑफर लेटर जारी किए जा चुके हैं, वे भी 20 फरवरी से प्रभावी इन नए नियमों के दायरे में आएंगे।
प्रतिमाह मिलेगी एक दिन की आकस्मिक छुट्टी
छुट्टी के प्रावधानों में प्रति माह 1 दिन की आकस्मिक छुट्टी, 10 दिन की चिकित्सा छुट्टी, 5 दिन की विशेष छुट्टी और 180 दिनों तक की मातृत्व छुट्टी शामिल है, जिसमें गर्भपात के मामलों के लिए अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। अनधिकृत अनुपस्थिति होने पर सेवाओं को समाप्त कर दिया जाएगा। चिकित्सा आधार पर उचित प्रमाणन पर ही छुट्टी मिल सकेगी। मेडिकल फिटनेस परीक्षा से गुजरने वाली महिला उम्मीदवारों के मामले में खतरनाक ड्यूटी के लिए भर्ती के दौरान गर्भवती (12 सप्ताह या उससे अधिक) पाई जाने वाली महिलाओं को प्रसव के बाद पुनर्मूल्यांकन तक अस्थायी रूप से स्थगित रखा जाएगा।
छुट्टी के प्रावधानों में प्रति माह 1 दिन की आकस्मिक छुट्टी, 10 दिन की चिकित्सा छुट्टी, 5 दिन की विशेष छुट्टी और 180 दिनों तक की मातृत्व छुट्टी शामिल है, जिसमें गर्भपात के मामलों के लिए अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। अनधिकृत अनुपस्थिति होने पर सेवाओं को समाप्त कर दिया जाएगा। चिकित्सा आधार पर उचित प्रमाणन पर ही छुट्टी मिल सकेगी। मेडिकल फिटनेस परीक्षा से गुजरने वाली महिला उम्मीदवारों के मामले में खतरनाक ड्यूटी के लिए भर्ती के दौरान गर्भवती (12 सप्ताह या उससे अधिक) पाई जाने वाली महिलाओं को प्रसव के बाद पुनर्मूल्यांकन तक अस्थायी रूप से स्थगित रखा जाएगा।
वरिष्ठता लाभ के कानूनी मामले बढ़ने पर लिया फैसला
प्रदेश में अनुबंध सेवाकाल के वरिष्ठता लाभ से संबंधित कानूनी मामले बढ़ने पर सरकार ने भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किया है। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए ही सरकार को विधानसभा के शीत सत्र में नया कानून बनाना पड़ा था।
प्रदेश में अनुबंध सेवाकाल के वरिष्ठता लाभ से संबंधित कानूनी मामले बढ़ने पर सरकार ने भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किया है। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए ही सरकार को विधानसभा के शीत सत्र में नया कानून बनाना पड़ा था।