धारटीधार से चांदनी के बीच गिरी नदी पर 17 करोड़ की लागत से बनेगा डबललेन पुल: अधिशासी अभियंता
धारटीधार से चांदनी के बीच गिरी नदी पर 17 करोड़ की लागत से बनेगा डबललेन पुल: अधिशासी अभियंता
दो विधानसभा क्षेत्रों को आपस में जोड़ेगा गिरिपुल।विभाग ने स्वीकृति को भेजी डीपीआर।
देश आदेश पांवटा साहिब
जिले के दो विधानसभा क्षेत्रों को आपस में जोड़ने के लिए गिरी नदी पर शीघ्र ही एक आधुनिक पुल का निर्माण किया जाएगा। धारटीधार क्षेत्र की बनेतहल्द्वाडी पंचायत के कुडलाखढक से चांदनी के बीच 210 मीटर लंबे पुल के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। विभाग ने पुल निर्माण की डीपीआर तैयार करवा कर उसे अप्रूवल के लिए भेज दिया है। जिस पर करीब 17 करोड की राशि खर्च की जाएगी।
धारटीधार क्षेत्र मे यह पहला डबललेन पुल होगा। धारटीधार क्षेत्र के लोग पिछले करीब एक दशक से ही इस पुल के निर्माण की आश लगाए बैठे हैं। पुल निर्माण के चलते जहाँ शिलाई व रेणुका विधानसभा क्षेत्र का सफर आसान हो सकेगा वहीं धारटीधार से चांदनी की दुरी भी मात्र 210 मीटर के करीब रह जाऐंगी।
उल्लेखनीय है कि करीब तीन वर्ष पूर्व पांच मई 2018 को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हरिपुरधार में कुडलाखढक से चांदनी के बीच पुल का निर्माण करने की घोषणा करने के साथ ही 20 लाख रुपए की राशि इसके सर्वेक्षण के लिए प्रदान की थी। सर्वेक्षण पूरा होने के साथ ही इसकी डीपीआर का कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है।
डीपीआर को स्वीकृति मिलते ही इस पुल का निर्माण नाबार्ड के अंतर्गत करवाया जाएगा। हालांकि भाजपा नेता शीघ्र ही इस पुल का शिलान्यास करने की फिराक में हैंं। जिससे कि अगामी विधानसभा चुनाव से पूर्व ही पुल निर्माण को गति मिल सके ।
इस पुल के बनने से जहाँ धारटीधार व शिलाई विधानसभा क्षेत्र की करीब दर्जन भर पंचायतों को आपस मे जोडा जा सकेगा वहीं धारटीधार से चांदनी स्कूल जाने वाले दर्जनों स्कूली बच्चों को भी बड़ी राहत मिलेगी। जिन्हें वर्तमान मे गिरी नदी को पार करके स्कूल पहुंच पर विवश होना पड रहा हैं।
उधर, लोक निर्माण मण्डल पाँवटा के अधिशासी अभियंता केएल चौधरी ने डीपीआर तैयार कर लिए जाने की पुष्टि करते बताया कि पुल निर्माण की डीपीआर को अप्रूवल के लिए भेजा गया है। अपूर्व मिलते ही इस पुल को नाबार्ड के अंतर्गत बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस पुल को जोड़ने के लिए खाली अच्छोन से कुडलाखढक तक करीब एक किमी लंबी सड़क का निर्माण भी किया जाना है। लेकिन ग्रामीणों द्वारा भूमि विभाग के नाम ना किये जाने से सड़क निर्माण का रास्ता साफ नहीं हो पाया है। लेकिन डीपीआर को शीघ्र स्वीकृति मिलने की उम्मीद है।
Originally posted 2021-12-07 23:07:35.