Nov 22, 2024
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विजय हजारे ट्रॉफी: बड़े क्रिकेट टूर्नामेंट में हिमाचल का 36 साल बाद सूखा खत्म

विजय हजारे ट्रॉफी: बड़े क्रिकेट टूर्नामेंट में हिमाचल का 36 साल बाद सूखा खत्म

विजय हजारे ट्रॉफी पर कब्जा जमाने वाली हिमाचल टीम के पांवटा क्षेत्र के खिलाड़ी गुरूविदर सिंह टोली के घर खुशी का माहौल

हिमाचल टीम की जीत पर जश्न मनाते हुए एचपीसीए की पांवटा क्रिकेट अकादमी कोच व खिलाडी

देश आदेश पांवटा साहिब

सार
हिमाचल ने इस प्रतियोगिता में कुल आठ मैच खेले और छह में जीत हासिल की। प्रतियोगिता के पहले मैच में हिमाचल को विदर्भ के हाथों सात विकेट से पराजय झेलनी पड़ी। इसके बाद हिमाचल ने लगातार मैच जीते।

 

विजय हजारे ट्रॉफी पर कब्जा जमाने वाली हिमाचल टीम के पांवटा क्षेत्र के खिलाड़ी गुरूविदर सिंह टोली के परिजन खुशी मनाते हुए।

 

हिमाचल प्रदेश की टीम ने 36 साल बाद किसी बड़ी प्रतियोगिता को जीतने का सूखा खत्म किया। प्रदेश की टीम 1985 से रणजी ट्रॉफी में खेल रही है। तब से लेकर आज तक टीम ने कोई बड़ा खिताब नहीं जीता था, लेकिन रविवार को राजस्थान के जयपुर क्रिकेट स्टेडियम में हिमाचल ने इतिहास रच दिया। टीम ने पहली बार घरेलू क्रिकेट में बड़ी प्रतियोगिता का खिताब अपने नाम किया।

हिमाचल ने इस प्रतियोगिता में कुल आठ मैच खेले और छह में जीत हासिल की। प्रतियोगिता के पहले मैच में हिमाचल को विदर्भ के हाथों सात विकेट से पराजय झेलनी पड़ी। इसके बाद हिमाचल ने लगातार मैच जीते। इसमें जम्मू और गुजरात की टीम को एकतरफा मुकाबले में हराया। चौथे मुकाबले में हिमाचल को आंध्र प्रदेश के खिलाफ हार मिली। यह मैच आंध्र ने 30 रन से जीता।

 

इसके बाद हिमाचल ने लगातार चार मैच जीतकर शानदार वापसी की और ट्रॉफी अपने नाम की। क्वार्टर फाइनल में यूपी को हराया। इसके बाद सेमीफाइनल में सर्विसेज की टीम को हराकर फाइनल में जगह बनाई। फाइनल में तमिलनाडु की जीत तय मानी जा रही थी, लेकिन हिमाचल ने बड़ा उलटफेर किया। हिमाचल टीम के सभी खिलाड़ियों ने जीत में अहम भूमिका निभाई।

पहली रणजी टीम के खिलाड़ी प्रवीण बोले, यह नए युग का आगाज

हिमाचल में क्रिकेट के मौजूदा और पहले के स्तर में रात-दिन का फर्क रहा है। साल 1985 में टीम ने पहली बार रणजी ट्रॉफी में खेलने की शुरूआत की थी। जेएंडके के खिलाफ यह मुकाबला हुआ था। इसमें हिमाचल हार गया था। प्रदेश की पहली रणजी टीम के खिलाड़ी रहे मंडी के प्रवीण सेन ने बताया कि उस समय क्रिकेटरों को ज्यादा सुविधाएं नहीं थी। खिलाड़ियों को खुद पिच रोल करनी पड़ती थी। हिमाचल टीम की जीत पर सेन ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हिमाचल क्रिकेट में नए युग का आगाज हो गया है।

उन दिनों की याद को ताजा करते हुए सेन ने बताया कि उन्हें मैच फीस के रूप में एक दिन के 150 रुपये मिलते थे। तीन दिन का मैच होता था और एक मैच के लिए 450 रुपये फीस मिलती थी। आज खिलाड़ी की एक दिन की मैच फीस करीब 60 हजार रुपये है। बड़ा टूर्नामेंट जीतने पर आज खिलाड़ियों को लाखों रुपये प्राइज मनी मिलती है। खिलाड़ियों को हर प्रकार की सुविधा है। उस समय के हालात कुछ और थे। सेन ने हिमाचल की ओर से 21 रणजी मैच खेले हैं।

Originally posted 2021-12-26 23:10:27.