CM Sukhu: नारेबाजी से फर्क नहीं पड़ता, हम तो कॉलेज समय से नारे लगाते आए हैं
CM Sukhu: नारेबाजी से फर्क नहीं पड़ता, हम तो कॉलेज समय से नारे लगाते आए हैं
न्यूज़ देशआदेश
विपक्ष के वाकआउट के बाद सदन में लाए गए निंदा प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि बुधवार को हमने नियम 67 के तहत कोर्ट में विचाराधीन मामले पर भी चर्चा मंजूर की। जनता के पैसों का दुरुपयोग होता देख दुख लगता है। पूर्व सरकार के खिलाफ श्वेतपत्र लाएंगे। नारेबाजी करना लोकतंत्र का हिस्सा है।
वीरवार सुबह विधायक सुधीर शर्मा और उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने आकर कहा कि बाहर नारेबाजी हो रही है, दूसरे दरवाजे से सदन में जाते हैं। मैंने कहा कि नारेबाजी से फर्क नहीं पड़ता, हम तो कॉलेज और विश्वविद्यालय समय से नारे लगाते आए हैं। मैं मुख्य दरवाजे से बाहर आया।
इस दौरान भाजपा विधायक अलग दिशा में चले गए। सतपाल सत्ती मिले थे। इससे पूर्व कांग्रेस विधायकों ने भी प्रतिक्रिया में नारेबाजी की थी। सुक्खू ने कहा कि जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री रहे हैं। सादगी भरे और सच बोलने वाले व्यक्ति हैं, लेकिन आज सबके सामने झूठ बोल गए।
झूठ बोला कि हमसे मुख्यमंत्री नहीं मिले। कहा कि बजट सत्र के बाद सभी विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करूंगा। मौके पर जाकर देखा जाएगा कि बंद संस्थानों की असल में कितनी जरूरत है। इसके बाद फैसला लिया जाएगा। बजट का उचित प्रावधान और पदों को भरने के बाद ही बंद संस्थानों को खोलने का फैसला लिया जाएगा।
सरकार आम जनता की सेवा में आगे बढ़ रही है। भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक जैसे मामले नहीं होने देंगे। कहा कि संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान की ओर से लाए गए निंदा प्रस्ताव का समर्थन करता हूं।