Nov 25, 2024
BUSINESS

स्वरोजगार: सिरमौर का अदरक-लहसुन बढ़ाएंगे जायका वेबसाइट पर करें ऑनलाइन आवेदन:जिला महाप्रबंधक

स्वरोजगार: सिरमौर का अदरक-लहसुन बढ़ाएंगे जायका वेबसाइट पर करें ऑनलाइन आवेदन:जिला महाप्रबंधक

प्रोजेक्ट मंजूर होने पर मिलेगी 25 से 30 फीसदी कैपिटल सब्सिडी, 3 वर्ष तक 5 फीसदी की दर से ब्याज सब्सिडी भी मिलेगी

देश आदेश सिरमौर

भरमौर-होली क्षेत्र के कबायली उत्पादों का स्वाद अब कोई भी चख सकेगा। लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए भरमौर प्रशासन ने वन धन योजना में 30 स्वयं सहायता समूहों (15 होली और 15 भरमौर) को शामिल किया है।

प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना में एग्रो टूरिज्म को शामिल किया है। इस योजना के तहत ‘खेत रसोई’ के साथ रिटेल आउटलेट का निर्माण किया जा सकेगा। सरकार प्रोजेक्ट के हिसाब से एक करोड़ रुपये तक की ऋण सुविधा भी देगी।

जिला उद्योग केंद्र नाहन ने पर्यटन को बढ़ावा देने, युवाओं को रोजगार और स्थानीय व्यंजनों को प्रमोट करने के लिए कार्य योजना तैयार कर दी है।

जिला उद्योग केंद्र सिरमौर के महाप्रबंधक ज्ञान सिंह चौहान ने बताया कि जहां पर्यटकों का ज्यादा आवागमन रहता है, वहां इस तरह के प्रोजेक्ट लगवाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। ऐसे क्षेत्रों को चिह्नित कर लिया गया है। इनमें ट्रांसगिरि क्षेत्र में गिरिपुल-राजगढ़-नोहराधार, संगड़ाह-हरिपुरधार, कफोटा-शिलाई, कोलर से सूरजपुर और आमवाला-सैनवाला शामिल हैं।

योजना का लाभ 18 से 45 वर्ष आयु वर्ग के लोग उठा सकते हैं। इन्हें प्रोजेक्ट का प्राक्कलन बनाकर विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना है।

प्रोजेक्ट मंजूर होने पर उन्हें परियोजना लागत की 25 से 30 फीसदी कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी। 3 वर्ष तक 5 फीसदी की दर से ब्याज सब्सिडी भी मिलेगी।

सिरमौर के स्थानीय उत्पाद

शक्कर, स्ट्रॉबेरी, किन्नू, सेब, आड़ू, अदरक-लहसुन, बुरांश का शरबत, जूस, अचार-चटनी,  देसी गाय का दूध, शहद, पारंपरिक व्यंजन और हैंडीक्राफ्ट आदि योजना में शामिल होंगे। यह योजना वोकल फॉर लोकल की अवधारणा पर कार्य करेगी। 

कोई भी चख सकेगा भरमौर-होली के उत्पादों का स्वाद, ‘वन धन’ से सैकड़ों हाथों को मिलेगा काम

भरमौर-होली क्षेत्र के कबायली उत्पादों का स्वाद अब कोई भी चख सकेगा। लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए भरमौर प्रशासन ने वन धन योजना में 30 स्वयं सहायता समूहों (15 होली और 15 भरमौर) को शामिल किया है। प्रत्येक स्वयं सहायता समूह में 1 से 20 सदस्य हैं। इन समूहों द्वारा एकत्रित किए जाने वाले उत्पादों को वन धन विकास केंद्र भरमौर, मिंजर मेले सहित प्रदेश के अन्य जगहों पर लगने वाले स्टॉलों में बेचा जाएगा।

Originally posted 2022-01-03 23:52:01.