रोडमैप तैयार, ओपीएस पर हमारे पास ए के बाद बी प्लान
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना बोले- रोडमैप तैयार, ओपीएस पर हमारे पास ए के बाद बी प्लान
न्यूज़ देशआदेश
1990 बैच के आईएएस अधिकारी प्रबोध सक्सेना हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव नियुक्त किए गए हैं। वह सोमवार को राज्य सचिवालय में राज्य की अफसरशाही की कमान संभालने जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के रहने वाले सक्सेना कहते हैं हिमाचल एक सौम्य स्थान है, जहां राजनेता बहुत शालीन हैं। कहा, नई जिम्मेवारी पूरी निष्ठा से निभाएंगे। अमर उजाला के राज्य ब्यूरो प्रमुख सुरेश शांडिल्य ने उनसे रविवार को सचिवालय में विशेष बातचीत की। पेश हैं कुछ अंश…
आपकी प्राथमिकताएं क्या रहेंगी ?
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के विचार लीक से हटकर हैं। उनके विचार संग्रहित कर रहे हैं। प्रयास होगा कि उनकी बातों को व्यावहारिक रूप से जमीन पर उतारें। कई चीजें बजट में आएंगी।
70 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है, कैसे आर्थिक प्रबंधन करेंगे ?
विकास लंबी यात्रा है। कुछ देश ऐसे हैं कि वे एक जेनरेशन में बदल गए। सिंगापुर जब बना तो गांव था। पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू ने आर्थिक सेवाओं के अधिकारी वहां सिखाने भेजे थे। 20 साल में वहां सब ठीक हो गया। ऐसा प्रदेशों में भी हुआ है, जिनमें हिमाचल एक है। 1971 में हिमाचल बना तो 1991 तक 20 साल में इसने इतनी तरक्की कर ली थी कि बिजली गांव-गांव पहुंच गई। अब हमें बड़ा करना है।
केंद्र से एनपीएस का जमा पैसा नहीं मिला तो ओपीएस कैसे देंगे ?
किसी भी सरकार में वित्तीय स्थिति कभी अच्छी नहीं रही। न फिलहाल आगे हो पाएगी। पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के लिए अगर कर्मियों के जमा 8,000 करोड़ नहीं मिले तो हमारे पास ए के बाद बी प्लान है। रोडमैप तैयार है, पहली कैबिनेट बैठक में साझा करेंगे।
जयराम सरकार में वित्त महकमा देखा, अब सीएस बने, कैसे सियासी संतुलन बनाया ?
सामने वाला जब यह समझे कि आप किसी दूसरे के लिए नहीं हैं तो दिक्कत नहीं होती। मैं मंडी में डीसी था तो सब मंत्रियों को संतोष था कि किसी एक का लाया नहीं हूं। हिमाचल में वैसा स्पेस है, जैसा कि अन्य राज्यों में नहीं है। वहां आप सीधे चलना चाहें तो चलने नहीं देते।
नई सरकार के बनते ही सीमेंट उद्योग बंद हो गए, कैसे निपटेंगे ?
इस मामले में ज्यादा जानकारी नहीं है। चुनौती है, लेकिन सोमवार को कार्यभार संभालूंगा तो इस बारे में बैठक लूंगा।
संस्थान बंद करने का सिलसिला चला है, डैमेज कंट्रोल कैसे करेंगे ?
डैमेज कंट्रोल एक राजनीतिक प्रक्रिया है। मैं नहीं समझता कि मेरा अभी कोई रोल होगा।
सीएम की घोषणा के अनुरूप पेपर लीक के बाद 60 दिन में कैसे व्यवस्था बनाएंगे ?
इसे दो तरह से देखा जा रहा है। एक विजिलेंस जांच हो रही है। सीएम ने प्रशासनिक जांच भी बैठा दी है। नए शिक्षा सचिव से 15 दिन में ब्योरा मांगा है।
सचिव स्तर के अफसरों की कमी है, अफसर फिर दिल्ली जा रहे हैं, कैसे काम चलेगा?
यहां काडर में टॉप हैवी नहीं है। प्रधान सचिव और सचिव के करीब 11 पद रिक्त हैं। 12 डीसी बनाने के बाद भी 40 अधिकारी इसी स्तर के हैं। पिछले दिनों दो अफसर दिल्ली जाने लगे तो दो आए भी हैं। एक अधिकारी और आएंगे। दिल्ली से तो अनुभव ही मिलता है।