हिमाचल सरकार का बजट हिस्सा नहीं दर्शाने से फंसा 650 करोड़ का स्टार्स प्रोजेक्ट
हिमाचल सरकार का बजट हिस्सा नहीं दर्शाने से फंसा 650 करोड़ का स्टार्स प्रोजेक्ट
देशआदेश
विश्व बैंक पोषित स्टार्स योजना में हिमाचल सरकार का बजट हिस्सा नहीं दर्शाने से 650 करोड़ का बजट अधर में लटक गया है। गुणात्मक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने हिमाचल सहित छह राज्यों को चुना है।
वर्ष 2021 में मिले इस प्रोजेक्ट के तहत 82 करोड़ का केंद्र सरकार की ओर से प्रदेश को बजट जारी हो चुका है। अगली किस्त लेने के लिए हिमाचल अपनी हिस्सेदारी नहीं दिखा सका है।
इसके चलते शेष बजट पर तलवार लटक गई है। स्टार्स प्रोजेक्ट के तहत पांच वर्षों के दौरान 650 करोड़ का बजट मिलना है।
स्टार्स प्रोजेक्ट में हिमाचल के अलावा राजस्थान, मध्यप्रदेश, केरल, ओडिशा और महाराष्ट्र को शामिल किया है। भारत सरकार ने स्टार्स को स्ट्रेथनिंग टीचिंग लर्निंग एंड रिजल्ट फॉर स्टेटस के नाम का दर्जा दिया है।
निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों को सुविधाएं देने के लिए केंद्र सरकार ने स्टार्स प्रोजेक्ट शुरू किया है। प्रोजेक्ट के तहत प्री प्राइमरी स्कूलों को मजबूत किया जाएगा। स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएंगे।
सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा पर जोर देते हुए अधिक से अधिक कंप्यूटर सिस्टम लगाए जाएंगे। इसके अलावा शिक्षकों के प्रशिक्षण केंद्रों को आधुनिक किया जाएगा। शिक्षक ट्रेनिंग में बदलाव किया जाएगा। एमआईएस डाटा एकत्र करने के लिए नए तरीके अपनाए जाएंगे। कुछ माह पूर्व केंद्र सरकार की ओर से प्रोजेक्ट की अगली किस्त लेने से पहले सरकार को करीब 27 करोड़ की अपनी हिस्सेदारी भी दिखाने को कहा गया।
प्रदेश सरकार की ओर से भेजे पत्र में कहा गया है कि केंद्र से बजट प्राप्त होते ही हिमाचल भी अपनी हिस्सेदारी दिखा देगा। जवाब मिलने के बाद भारत सरकार ने आगामी किस्तों को रोक लिया है।
प्रोजेक्ट के तहत जारी हुई पुरानी राशि का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भी हिमाचल की ओर से नहीं दिया गया है।
उधर, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि यह मामला उनके ध्यान में आया है। विभागीय अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है। भारत सरकार के साथ मामला उठाया जाएगा।