89 हजार अशिक्षितों को शिक्षित करेगा हिमाचल प्रारंभिक शिक्षा विभाग
89 हजार अशिक्षितों को शिक्षित करेगा हिमाचल प्रारंभिक शिक्षा विभाग
मौजूदा जेबीटी शिक्षकों के ही जिम्मे रहेंगे प्री-प्राइमरी के बच्चे
न्यूज़ देशआदेश
हिमाचल प्रदेश के 89 हजार अशिक्षितों को प्रारंभिक शिक्षा विभाग शिक्षित करेगा। इसके लिए उन्हें ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई करवाई जाएगी। प्रदेश भर में 15 से 35 वर्ष तक के अनपढ़ लोगों की शिक्षा विभाग ने पहचान की है।
ऐसे लोगों को शिक्षा विभाग आगामी शैक्षणिक सत्र से प्रारंभिक शिक्षा देगा। इसको लेकर सभी प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशकों को निर्देशित कर दिया है। यह बात धर्मशाला में पत्रकारवार्ता के दौरान प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक घनश्याम चंद ने कही।
उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग पिछले कुछ समय से ऐसे लोगों की पहचान कर रहा था, जोकि किन्हीं कारणों से प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाए थे।
उन्होंने बताया कि 15 से 35 आयु वर्ग के इन लोगों का आंकड़ा 89 हजार के करीब है। इसमें सबसे अधिक जिला कांगड़ा में ही है। ऐसे लोगों को शिक्षित करने के लिए विभाग ने योजना बनाई है। इन लोगों को मैसिव ओपन आनलाइन कोर्स (मूक) की तर्ज पर ही आनलाइन पढ़ाई करवाई जाएगी, ताकि यह लोग मुख्य धारा से जुड़ सकें।
शैक्षणिक सत्र से पहले अक्षर ज्ञान से अनभिज्ञ विद्यार्थियों की लगेगी क्लास
अगला शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले अक्षर और शब्द का ज्ञान न रखने वाले विद्यार्थियों को क्लास में होने वाली पढ़ाई से सीखने पर जोर दिया जाएगा।
कई बच्चों को आगामी कक्षा में होने के बाद अपनी पहली कक्षा के किसी भी सवाल और ज्ञान नहीं रहता है, इसे दुरुस्त किया जाएगा। वहीं सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को अपने विषय पर ध्यान देने व छात्रों को आधार बनाने के तरीके से पढ़ाने को लेकर निर्देश दिए गए हैं, ताकि सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाया जा सके।
यह बात जिला कांगड़ा के दौरे पर पहुंचे प्रारंभिक शिक्षा निदेशक घनश्याम चंद ने धर्मशाला में कही। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश में सबसे पहले धर्मशाला एजुकेशन ब्लॉक में पॉयलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। इसमें स्कूलों में बच्चों को सही ढंग से पढ़ाकर उनकी मजबूत नींव रखी जाएगी।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 3194 स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या में एक मात्र छात्र व 250 के करीब स्कूलों में छात्रों की संख्या जीरो होने के बाद प्रदेश प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने 200 जीरो छात्र संख्या वाले स्कूलों को बंद कर दिया गया है।
वहीं अब शिक्षा निदेशालय की ओर से छात्रों व शिक्षकों की संख्या का रिकार्ड खंगालने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई प्राईमरी स्कूल ऐसे हैं, जिसमें विद्यार्थियों की संख्या दो ही है, जबकि शिक्षक चार हैं। ऐसे सभी स्कूलों को रिकार्ड जिला के सभी उपनिदेशकों को तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार निजी स्कूलों में 25 फीसदी दाखिला आरक्षित वर्ग को आगामी शैक्षणिक सत्र में देना अनिवार्य कर दिया गया है। इतना ही नहीं, इसमें निजी स्कूलों को 25 फीसदी दाखिले को लेकर सूचना बोर्ड व स्कूल के बाहर बोर्ड लगाकर इस जानकारी को आम लोगों तक पहुंचानी होगी।
उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग में आगामी शैक्षणिक सत्र में प्री-प्राईमरी शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर कोई स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है, ऐसे में मौजूदा जेबीटी शिक्षकों के ही जिम्मे प्री-प्राइमरी के बच्चे रहेंगे।
वहीं प्राइमरी स्कूलों के साथ लगती आंगनबाड़ी केंद्रों को भी मर्ज कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में जर्जर हालत में चल रहे स्कूलों को जल्द ही गिराने संबंधी औपचारिक्ताओं को सरल बना कर इन स्कूलों के स्थान पर नए भवन बनाए जाएंगे।