Sep 8, 2024
HIMACHAL

मैदानी और मध्य पर्वतीय भागों में तीन दिन बारिश के आसार

हिमाचल के मैदानी और मध्य पर्वतीय भागों में तीन दिन बारिश के आसार, ओलावृष्टि का भी अलर्ट

 

पांच कस्बों में होगी बेहतर सीवरेज सुविधा, पेयजल सेवाएं सुधरेंगी

देशआदेश

 

हिमाचल प्रदेश के मैदानी और मध्य पर्वतीय भागों में तीन दिन बारिश की संभावना है। वहीं इस दौरान उच्च पर्वतीय एक-दो स्थानों पर बारिश हो सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 12 से 14 जून तक निचले, मैदानी व मध्य पर्वतीय भागों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इस दौरान कुछ स्थानों पर अंधड़ चलने व ओलावृष्टि का येलो अलर्ट भी जारी किया गया है। वहीं, उच्च पर्वतीय एक-दो  स्थानों पर हल्की बारिश-बर्फबारी हो सकती है।

 

पांच कस्बों में होगी बेहतर सीवरेज सुविधा, पेयजल सेवाएं सुधरेंगी

 

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि स्वच्छता के लिए सीवरेज प्रणाली बेहद महत्वपूर्ण है। पेयजल सुविधा को सदैव प्राथमिकता दी जाती है, लेकिन विकास में सीवरेज प्रणाली की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।

दूषित पानी को दोबारा उपयोग में लाने के लिए उसको ठीक से इकट्ठा करना और उपचार जरूरी है। ऐसा न करने की स्थिति में गंभीर जल प्रदूषण की समस्या की आशंका होती है। उन्होंने कहा कि जल एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है और इसका कुशलता से उपयोग किया जाना चाहिए।

 

वर्तमान राज्य सरकार ने राज्य के पांच कस्बों में पेयजल और स्वच्छता सेवाओं में सुधार करने का निर्णय लिया है, जिनमें मनाली, बिलासपुर, पालमपुर, नाहन और करसोग शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने शिमला से जारी बयान में कहा कि हाल ही में इन कस्बों में बेहतर सीवरेज सुविधाओं को विकसित करने, मनाली और पालमपुर में पेयजल आपूर्ति में सुधार के उद्देश्य से राज्य सरकार की ओर से फ्रांसीसी विकास एजेंसी, एजेंसे फ्रैंकेइस डी डेवलपमेंट (एएफडी) के साथ 817.12 करोड़ रुपये की परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि एएफडी की ओर से 612 करोड़ रुपये दिए जाएंगे, जबकि राज्य सरकार 204.85 करोड़ रुपये देगी।

 

परियोजना के तहत लाभार्थियों को इन पांच कस्बों में सीवरेज के कनेक्शन दिए जाएंगे और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को अत्याधुनिक तकनीकों के साथ डिजाइन किया जाएगा, जिससे कृषि और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए अपशिष्ट का दोबारा उपयोग किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रथम चरण में 425.85 करोड़ रुपये में से एएफडी द्वारा 340 करोड़ रुपये का वित्तपोषण किया जाएगा। दूसरे चरण में 371 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत में से एएफडी 272 करोड़ रुपये प्रदान करेगी। परियोजना तीन वर्ष के भीतर लागू की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इस परियोजना का दूसरा चरण पहले चरण के शुरू होने के 18 महीने बाद शुरू होगा।