भांग की खेती के लिए पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि होंगे प्रशिक्षित
भांग की खेती के लिए पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि होंगे प्रशिक्षित, चार जिलों में हुईं बैठकें
खेती से आर्थिकी होगी मजबूत, इससे बनते हैं हजारों उत्पाद : नेगी
देशआदेश
हिमाचल प्रदेश भर में भांग खेती के लिए पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को जल्द प्रशिक्षित किया जाएगा। नौणी विवि और चौधरी सरवण कुमार कृषि विवि पालमपुर कांगड़ा के माध्यम से यह प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इसका निर्णय औषधीय व औद्योगिक उपयोग के लिए भांग की खेती को वैधता प्रदान करने के संबंध में प्राधिकृत समिति की ओर से आयोजित बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता राजस्व, बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने की।
उन्होंने कहा कि नशा मुक्त भांग की खेती संभव है और भांग के औषधीय व औद्योगिक उपयोग का लाभ उठाना आवश्यक है।
इस दौरान उन्होंने सोलन जिले के विभिन्न पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों से इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भांग की खेती को वैधता प्रदान करने के संबंध में सभी की राय एवं सुझावों पर चर्चा के उपरांत राज्य हित में निर्णय लेगी।
भांग की खेती के विषय में जन-जन को जागरूक बनाया जाना आवश्यक है ताकि सभी भांग के औषधीय एवं औद्योगिक गुणों से परिचित हो सकें।
सोलन जिले के प्रतिनिधियों के लिए नौणी विश्वविद्यालय द्वारा शीघ्र ही भांग की खेती एवं उपयोगिता के संबंध में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन होगा।
चार जिलों में हो चुकी हैं बैठकें
मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से इस दिशा में गठित यह समिति अभी तक कुल्लू, मंडी, कांगड़ा, चंबा में यह बैठकें कर चुकी है।
उन्होंने कहा कि समिति का मुख्य उद्देश्य इस विषय में आमजन की राय जानना और भांग के औषधीय एवं औद्योगिक लाभों के बारे में लोगों को प्रोत्साहित करना है।
समिति की ओर सेहाल ही में केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो सहित अन्य राज्यों का भ्रमण कर वहां भांग के उपयोग इत्यादि की विषय में गहन जानकारी प्राप्त की गई है।
खेती से आर्थिकी होगी मजबूत
बागवानी मंत्री ने कहा कि वैज्ञानिक परीक्षण यह सिद्ध करते हैं कि भांग की उपयोगिता आर्थिकी का महत्वपूर्ण आधार बन सकती है।
उन्होंने कहा कि भांग में पाए जाने वाले सीबीडी (कैनाबीडियोल) का प्रयोग विभिन्न रोगों के उपचार के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक रूप से प्रयोग कर भांग के पौधे से कपड़ा, कागज़, तेल एवं पेंट इत्यादि बनाया जा सकता है।
नशे के रूप में भांग के दुरुपयोग पर कानून पूर्ववत रहेंगे और नशे के सौदागरों के विरुद्ध मुहिम को और गति प्रदान की जाएगी।