HC: महिला के घर तक दो माह में सड़क सुविधा दे प्रशासन
महिला के घर तक दो माह में सड़क सुविधा दे प्रशासन, आदेशों की अनुपालना रिपोर्ट भी सौंपे
पंप ऑपरेटर और पैरा फीटर को नौकरी देने के आदेश
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने दिव्यांग महिला के लिए सड़क सुविधा मुहैया करवाने के सिरमौर जिला प्रशासन को आदेश दिए हैं। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने उपायुक्त सिरमौर को आदेश दिए कि दिव्यांग याचिकाकर्ता को दो माह के भीतर सुलभ सड़क मुहैया करवाएं। अदालत ने आदेशों की अनुपालना रिपोर्ट भी तलब की है।
अदालत ने कहा कि सड़क तक पहुंच प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है। इसके अलावा विकलांगता अधिनियम, 2016 के तहत दिव्यांग व्यक्ति को सुलभ सड़क प्रदान करना राज्य की जिम्मेवारी है। इस अधिनियम में दिव्यांग व्यक्ति को सड़क सुविधा देने के लिए विशेष प्रावधान है।
शिलाई क्षेत्र की आरूशी की याचिका का निपटारा करते हुए अदालत ने यह निर्णय सुनाया। अदालत को बताया गया कि याचिकाकर्ता नाबालिग है और शारीरिक रूप से 75 फीसदी दिव्यांग होने के कारण चलने-फिरने में असमर्थ है। वह अपने पिता की पीठ पर स्कूल जाने को मजबूर है। इस कारण वह अपने घर से 80 किलोमीटर दूर नाहन में पढ़ाई कर रही है।
याचिकाकर्ता और ग्राम पंचायत ने कई बार प्रशासन से सड़क बनाने की मांग की। दो वर्ष के बाद उपायुक्त सिरमौर ने शिलाई क्षेत्र के जामली से डुंगड कितेश वाया समदी मोहाल धारवा सड़क के निर्माण के लिए एक लाख रुपये की राशि स्वीकृत की है। 31 मई 2023 को स्वीकृत राशि के बावजूद सड़क निर्माण के लिए कोई कदम नहीं उठाए। अदालत ने तथ्यों का अवलोकन करने के बाद सड़क बनाने के आदेश दिए।
पंप ऑपरेटर और पैरा फीटर को नौकरी देने के आदेश
अदालत ने कहा कि मौजूदा मामले में सरकार के निर्णय से पहले ही भर्ती प्रक्रिया पूरी हो गईं थी। रोजगार नोटिस 20 जुलाई 2023 के माध्यम से शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया के तहत याचिकाकर्ताओं का परिणाम 13 अक्तूबर 2022 को घोषित किया गया और उसके तुरंत बाद याचिकाकर्ताओं के पक्ष में नियुक्ति पत्र भी जारी हो गया था।