Sep 16, 2024
CRIME/ACCIDENT

आम आदमी ही नहीं, आईएएस, आईएफएस, एचएएस अधिकारियों को भी चूना लगा गए शातिर

Cryptocurrency fraud: हिमाचल में आम आदमी ही नहीं, आईएएस, आईएफएस, एचएएस अधिकारियों को भी चूना लगा गए शातिर

 

क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर ठगी करने वाले आरोपियों के झांसे में कई आईएएस, आईएफएस और एचएएस अधिकारी भी आए हैं। कई कर्मचारी भी हैं।

इन अधिकारियों और कर्मचारियों को भी कुल रकम का दोगुना किए जाने का झांसा दिया गया। अधिकारियों और कर्मचारियों ने शातिरों के झांसे में आकर जीवन भर की पूंजी निवेश करने में लगा दी।

अब पैसा दोगुना तो दूर जमा कराई गई राशि वापस नहीं मिल रही है। मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा में सैकड़ों लोगों ने शातिरों के कहने पर पैसा निवेश किया है।

सूत्रों की मानें तो अधिकारी अपनी लिखित शिकायत पुलिस को देने में हिचकिचा रहे हैं।

पुलिस एसआईटी की ओर से जब मामले में गिरफ्तारियां होनी शुरू हुई तो अधिकारियों के पैरों तले जमीन खिसक गई। एसआईटी की जांच में सामने आया है कि पूरे प्रदेश में हजारों लोग इस झांसे में फंसे हैं।

इधर पुलिस का साफ कहना है कि निवेशकों को पैसा नहीं दिलाया जा सकता है।

 

पुलिस का काम शातिरों को पकड़कर सलाखों के पीछे डालना है। पुलिस एसआईटी से मिली जानकारी के मुताबिक मंडी जिले के कई लोगों ने अपनी जमीन तक बेचकर क्रिप्टो करेंसी में पैसा लगाया है। कइयों ने लोन तक लिए हैं। अब ये लोग अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।

पुलिस की पकड़ में आए सुखदेव ने सैकड़ों लोगों को क्रिप्टो करेंसी के नाम पर निवेश करवाया है। बाद में उन्हें मूलधन भी वापस नहीं मिल पाया। लोगों को उसने लुभावने सपने दिखाए और उनकी धनराशि को 11 महीने में डबल करने का झांसा दिया। ग्रामीणों को भरोसा दिलासा दिया कि वह स्थानीय हैं और कहीं भाग कर नहीं जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि पुलिस एसआईटी ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह एक आर्गेनाइज गैंग की तरह काम कर रहे थे। इन लोगों ने अपने रिश्तेदारों, परिवार के सदस्यों से भी निवेश करवाया। मामले में अभी तक 1 लाख लोगों ने 2.5 लाख आईडी के जरिये की ट्रांजेक्शन की है।

 

पुलिस एसआईटी को अनिल और अभिषेक की तलाश

क्रिप्टोकरेंसी ठगी मामले में पुलिस की एसआईटी को हमीरपुर के अनिल और ऊना निवासी अभिषेक की तलाश है। पुलिस इन्हें पकड़ने के लिए जगह-जगह दबिश दे रही है। अभी तक ये दोनों आरोपी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े हैं।
आरोप है कि ये दोनों लोगों को विश्वास में लेकर पैसा डबल किए जाने का झांसा देकर मुख्य सरगना सुभाष से मिलाते थे। पुलिस ने इस मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार किया है।

डिजिटल समेत अन्य रिकॉर्ड भी नष्ट करते रहे आरोप

इसमें दो आरोपी सुखदेव और हेमराज न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं जबकि अन्य सात पुलिस रिमांड में है। पुलिस एसआईटी इन आरोपियों से पूछताछ करने में जुटी है।
पुलिस एसआईटी इन आरोपियों से पूछताछ के बाद ही जांच को आगे बढ़ा रही है। यह घोटाला एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बताया जा रहा है। क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर ठगी करने वाले आरोपियों की लंबी चेन है।
एसआईटी ने आरोपियों की एक करोड़ की संपत्ति को सीज कर दिया है जबकि पांच करोड़ की संपत्ति को और सीज किया जाना है।
एसआईटी इसके दस्तावेज तैयार करने में लगी है। यह आरोपी तीन सालों में करोड़ रुपये के घोटाले को अंजाम देने में सफल रहे।
आरोपी इतने शातिर हैं कि उन्होंने निवेशकों का दबाव बढ़ते देख नई-नई कंपनियां बनाईं। ये डिजिटल समेत अन्य रिकाॅर्ड भी नष्ट करते रहे।

आठ जिलों में फैला नेटवर्क, 2,300 करोड़ का निवेश, 1,000 करोड़ की ठगी

हिमाचल प्रदेश में क्रिप्टोकरेंसी से ठगी का नेटवर्क कांगड़ा, मंडी, ऊना, चंबा, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन और सिरमौर जिले में फैला हुआ है।
लोगों की शिकायतों के आधार पर अब तक 1000 करोड़ रुपये की ठगी की शिकायतें आ चुकी हैं। पुलिस आरोपियों पर 400 करोड़ की देनदारियों की बात कह चुकी है। अब तक की जांच में ढाई लाख फर्जी आईडी बनाई गई थी जिससे इन पैसों का लेन-देन हुआ। इसमें एक लाख आईडी हिमाचल के लोगों की बनाई गई हैं।

केंद्रीय एजेंसियां भी जांच में जुटीं

पुलिस के अनुसार क्रिप्टोकरेंसी में 2,300 करोड़ का निवेश हुआ है। एसआईटी अब तक एक महिला समेत नौ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
आरोपियों की एक करोड़ की संपत्ति फ्रीज कर दी है। मुख्य आरोपी सुभाष पुलिस की पकड़ से बाहर है। इसकी मोबाइल लोकेशन दुबई में मिल रही है।
केंद्रीय एजेंसियां भी इस मामले की जांच में जुटी है। हालही में सीबीआई ने भी इस मामले को लेकर हिमाचल में छापे मारी की थी। आयकर विभाग भी जांच में जुटा है। प्रवर्तन निदेशालय ने भी मंडी पुलिस को पत्र लिखकर जानकारी मांगी है।