.तो क्या अब धर्मशाला से उपचुनाव लड़ेंगे सुधीर
.तो क्या अब धर्मशाला से उपचुनाव लड़ेंगे सुधीर
देशआदेश
कांग्रेस से बगावत कर भाजपा का दामन थामने वाले अयोग्य ठहराए गए विधायक सुधीर शर्मा के लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलों पर रविवार रात विराम लग गया।
कांगड़ा संसदीय सीट से प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. राजीव भारद्वाज के नाम की अधिकृत घोषणा करने के साथ भाजपा हाईकमान ने साफ कर दिया कि आम चुनाव के लिए सुधीर पार्टी की पसंद नहीं हैं।
अब बड़ा सवाल है कि क्या अब सुधीर शर्मा अपनी धर्मशाला सीट से ही विधानसभा का उपचुनाव लड़ेंगे।
सुधीर शर्मा के भाजपा में शामिल होने की सुगबुगाहट के बीच ही उनके भाजपा से लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चाएं और अटकलें सियासी हवाओं में तैरने लगीं थीं।
माना जा रहा था कि ब्राह्मण चेहरे को आगे करने के लिए भाजपा हाईकमान सुधीर शर्मा को प्रत्याशी बना सकता है।
लेकिन, पार्टी ने रविवार रात कांगड़ा से डॉ. भारद्वाज का नाम घोषित कर इन अटकलों पर पूरी तरह से विराम लगा दिया।
अब भाजपा और सुधीर के सामने धर्मशाला से विधानसभा का उपचुनाव ही विकल्प है। माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें उनके विधानसभा क्षेत्र से ही उपचुनाव लड़ा सकती है।
टिकट कटने की थी भनक, फिर भी उम्मीद से बंधे रहे कपूर
कांगड़ा-चंबा संसदीय सीट से मौजूदा सांसद किशन कपूर का टिकट कटना पहले ही तय माना जा रहा था।
पार्टी हाईकमान की ओर से करवाए गए सर्वेक्षणों में उनकी परफॉरमेंस पर सवाल उठे थे। अरसे से स्वास्थ्य भी उनका साथ नहीं दे रहा है।
इसी कारण प्रदेश से कांगड़ा सीट के लिए भेजे गए पैनल में भी उनका नाम नहीं था। इन सब बिंदुओं के आधार आम चुनाव का बिगुल बजने से पहले ही सांसद कपूर का टिकट काटे जाने की चर्चाएं जोर पकड़ चुकी थीं।
कपूर को भी इसकी भनक थी। बावजूद इसके, उन्होंने टिकट की उम्मीद और दावेदारी नहीं छोड़ी।
वह गहरी चुप्पी साधकर टिकट पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से लगातार बचते रहे। आखिरकार हुआ वही जो पहले से तय माना जा रहा था।
कांगड़ा से त्रिलोक कपूर भी थे दावेदारकांगड़ा संसदीय क्षेत्र से भाजपा के प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर भी टिकट के दावेदार मजबूत दावेदार थे।
प्रदेश से गए पैनल में डॉ. राजीव भारद्वाज के साथ उनका नाम भी था और वह दौड़ में भी बने थे। मंडी और कांगड़ा सीट से किसी एक पर पार्टी ब्राह्मण चेहरा देना चाहती थी।