आतंकी मुठभेड़ में हिमाचल के अरविंद बलिदान, शहादत की सूचना पाकर मां बेसुध
हिमाचल में लागू होगा स्ट्रीट वेंडर एक्ट 2014, जहां-तहां नहीं बैठ सकेंगे तहबाजारी
तहबाजारी अपनी मर्जी से जहां-तहां नहीं बैठ सकेंगे। केंद्र सरकार के इस एक्ट को लागू करने की तैयारी में प्रदेश की अफसरशाही जुट गई है।
जिला मुख्यालयों में तहबाजारियों से पेश आ रहीं दिक्कतें
राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अधिकांश जिला मुख्यालयों के बाजारों में तहबाजारियों के चलते दिक्कतें पेश आ रही हैं। स्थानीय कारोबारी इन तहबाजारियों को अवैध तरीके से अपनी दुकानों के आगे बैठाने का किराया वसूलते हैं। इस कारण बाजार संकरे होते जा रहे हैं। प्रदेश में इन दिनों जारी विरोध प्रदर्शन का यह भी एक बड़ा कारण है। सरकार ने अब स्ट्रीट वेंडर एक्ट को सख्ती से लागू करने का फैसला लिया है। इसके लिए नीति बनाने को विधानसभा अध्यक्ष के माध्यम से एक कमेटी का गठन किया जाना है।
आतंकी मुठभेड़ में हिमाचल के अरविंद बलिदान, शहादत की सूचना पाकर मां बेसुध
किश्तवाड़ से 45 किमी दूर छात्रू इलाके में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना के दो जवान बलिदान हो गए। दो अन्य गंभीर घायल जवानों को एयरलिफ्ट कर उधमपुर के कमान अस्पताल पहुंचाया गया है। बलिदानी जवानों की पहचान व्हाइट नाइट कोर के नायब सूबेदार विपिन कुमार व सिपाही अरविंद सिंह के रूप में हुई है। बलिदानी अरविंद सिंह(27) हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर के लहद गांव के निवासी थे। अरविंद के बलिदान होने की सूचना मिलते ही पैतृक गांव में मातम छा गया है। बेटे की शहादत की सूचना पाकर माता बेसुध हैं। पत्नी पर दूखों का पहाड़ टूट गया है। 15 महीने का बेटा है, जिसने अभी तक अपने पिता का मुंह तक ढंग से नहीं देखा था।
अब उसके सिर से पिता का साया उठ गया है। शहादत की खबर मिलने के बाद घर में चूल्हा तक नहीं जला है। आसपास के लोग भी परिजनों को सांत्वना देने के लिए इकट्ठा हो गए हैं। परिजन नम आंखों से बलिदानी जवान की पार्थिक देह का इंतजार कर रहे हैं। अरविंद का छोटा भाई भी भारतीय सेना में ही सेवाएं दे रहा है। जैसे ही भाई के बलिदान होने की खबर मिली वह तुरंत घर आ गया। शहीद के दादा भी भारतीय सेना में ही थे। पिता रजिंद्र सिंह ने कहा कि सैनिक अधिकारी से बात हुई है, उन्होंने शाम तक पार्थिव देह पहुंचने की संभावना बताई है।