रतन टाटा के निधन से देश में शोक की लहर, राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
रतन टाटा के निधन से देश में शोक की लहर, राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
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जनवरी 2017 में सेवानिवृत्त हुए, चंद्रशेखरन बने टाटा समूह के अध्यक्ष
दो दशक से अधिक समय तक समूह की मुख्य होल्डिंग कंपनी टाटा संस के अध्यक्ष रहे रतन टाटा ने शीर्ष पद संभालने से कई वर्ष पहले ही परोपकारी गतिविधियां शुरू कर चुके थे। 1970 के दशक में, उन्होंने आगा खान अस्पताल और मेडिकल कॉलेज परियोजना की शुरुआत की थी। टाटा ने जनवरी 2017 में सेवानिवृत्त होने के बाद नटराजन चंद्रशेखरन को टाटा समूह का अध्यक्ष नियुक्त किया।
कॉर्पोरेट दिग्गज रतन टाटा को ‘धर्मनिरपेक्ष जीवित संत’ माना गया
दुनिया के सबसे प्रभावशाली उद्योगपतियों में से एक रतन टाटा कभी भी अरबपतियों की टाइम, फोर्ब्स, हुरुन जैसी किसी चर्चित सूची में शामिल नहीं रहे। यह इस बात की मिसाल है कि छह महाद्वीपों के 100 से अधिक देशों में काम करने वाली कंपनी के मुखिया होने के बावजूद टाटा सादगीपूर्ण जीवन जीना पसंद करते थे। शायद व्यक्तित्व के इसी पहलू के कारण कॉर्पोरेट दिग्गज रतन टाटा को ‘धर्मनिरपेक्ष जीवित संत’ माना गया। उनकी शालीनता और ईमानदारी के किस्से भी खूब सुर्खियों में रहे हैं। 1991 में अपने चाचा जेआरडी टाटा से टाटा समूह के अध्यक्ष का पदभार संभालने वाले रतन ने आधी सदी से भी अधिक समय तक यह पद संभाला।
PETA इंडिया ने पशुओं के प्रति टाटा की करुणा को याद किया
रतन टाटा के निधन के बाद देश के औद्योगिक घरानों, खेल-मनोरंजन और सामाजिक-आर्थिक जगत की हस्तियों ने भी संवेदनाएं प्रकट कीं। टाटा को पशुओं के प्रति करुणा के लिए भी जाना जाता है। पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) इंडिया ने भी रतन टाटा के निधन पर संवेदनाएं प्रकट कीं। पेटा इंडिया की तरफ से जारी एक बयान के मुताबिक टाटा का पशुओं के प्रति प्रेम और करुणा उनकी व्यावसायिक क्षमता की तरह ही प्रसिद्ध रही। इसे हमेशा याद किया जाएगा। पेटा ने कहा कि मुंबई में टाटा ट्रस्ट्स स्मॉल एनिमल हॉस्पिटल, उनकी करुणा का परिणाम है, जो पहले से ही जरूरतमंद असंख्य जानवरों की मदद कर रहा है। यह निश्चित रूप से पेटा इंडिया के आपातकालीन प्रतिक्रिया कार्य का सहयोगी बनेगा।
रतन टाटा… युवाओं के सामने जज्बे की अनोखी मिसाल
रतन टाटा ऐसी विभूति हैं, जिन्हें अगर अद्वितीय कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं। ऐसे रत्न सदियों में चुनिंदा ही होते हैं। उनके हौसले की मिसाल बंगलूरू में आयोजित एयर शो में मिली थी। 73 साल की आयु में आज से 13 साल पहले रतन टाटा ने एफ-17 लड़ाकू विमान के कॉकपिट में बैठकर उड़ान भरी थी। साल 2011 में कर्नाटक के येलहंका एयर बेस पर आयोजित भारत के सबसे बड़े एयर शो- एयरो इंडिया के दौरान जब 73 साल के उद्योगपति रतन टाटा एफ 17 लड़ाकू विमान में बैठे तो इस यादगार तस्वीर को युवाओं के लिए भी प्रेरणा माना गया।