हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह ने पार्टी में गुटबाजी से किया इनकार
राज्य में कांग्रेस सरकार बनने के बाद से ही ‘एक व्यक्ति, एक पद’ की वकालत
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस द्वारा अपनी सभी इकाइयों को भंग करने के एक दिन बाद, प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह ने गुरुवार को कहा कि वह राज्य में कांग्रेस सरकार बनने के बाद से ही ‘एक व्यक्ति, एक पद’ की वकालत कर रही थीं।
बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी में नई जान फूंकने के लिए पीसीसी, जिला और ब्लॉक इकाइयों सहित प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भंग कर दिया।
उन्होंने गुरुवार को यहां मीडियाकर्मियों से कहा, “पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है और मैंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ मिलकर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और अन्य वरिष्ठ नेताओं से परामर्श के बाद इकाइयों को भंग करने के लिए पार्टी हाईकमान को पत्र लिखा था।”
सिंह ने कहा, “मैंने पहले भी कांग्रेस विधायक दल की बैठक में ‘एक व्यक्ति, एक पद’ का मुद्दा उठाया था और कहा था कि संगठन में कांग्रेस के नेता जो अब सरकार का हिस्सा हैं, उन्हें खुद ही अपने पद छोड़ देने चाहिए और अपने प्रतिस्थापन के लिए सुझाव देने चाहिए।”
उन्होंने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से सलाह ली जाएगी और उनके सुझावों पर विचार किया जाएगा कि वे किसे पदों पर देखना चाहते हैं ताकि वे राज्य में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए एकजुट होकर काम करें। उन्होंने कहा कि निष्क्रिय नेताओं की जगह मेहनती लोगों को लाया जाएगा जो पार्टी के काम के लिए अधिक समय दे सकें और वरिष्ठ नेताओं, महिलाओं, युवाओं, एससी, एसटी और ओबीसी को राज्य कांग्रेस कार्यसमिति में जगह दी जाएगी। नवंबर 2022 में पहाड़ी राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से पीसीसी में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
तीन नए नर्सिंग संस्थान खोलने के लिए 9 करोड़ मंजूर, 40-40 सीटें निर्धारित, जानें सब एक क्लिक में
केंद्र सरकार ने हिमाचल में खुलने वाले तीन नर्सिंग संस्थानों के आधारभूत ढांचे के लिए 9 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। चंबा, हमीरपुर और नाहन में ये संस्थान खुलेंगे।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अपने बजट भाषण में संस्थानों को खोलने की घोषणा की है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से केंद्र को भेजे गए प्रस्ताव के बाद हर संस्थान के लिए तीन-तीन करोड़ रुपये जारी किए हैं।
वर्तमान में हिमाचल में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) और मंडी में दो ही सरकारी नर्सिंग कॉलेज हैं। जबकि, नर्सिंग स्कूलों की संख्या 15 से ज्यादा है। प्रदेश सरकार ने नए खोले जाने वाले नर्सिंग कॉलेजों में 40-40 सीटें निर्धारित करने का फैसला लिया है।
आधारभूत ढांचा विकसित होने के बाद केंद्र सरकार से सीटें बढ़ाने की सिफारिश की जाएगी। हिमाचल में 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद बड़ी संख्या में छात्राएं नर्सिंग और मिडवाइफ के कोर्स कर रही हैं।
निजी संस्थानों में नर्सिंग का कोर्स करने के लिए चार लाख रुपये से ज्यादा खर्च आता है। इसमें हॉस्टल, वर्दी व अन्य खर्चे भी शामिल हैं। हजारों की संख्या में छात्राएं यह कोर्स कर रही हैं। हालांकि सरकारी कॉलेजों फीस कम है। हिमाचल में नए नर्सिंग कॉलेज खुलने से कई और छात्राएं सरकारी संस्थानों में प्रशिक्षण हासिल कर सकेंगी