Mar 15, 2025
HIMACHAL

लोक निर्माण विभाग का सर्किल का बड़ा कारनामा

 तीन किलोमीटर सड़क की मरम्मत को लगा दिए 10 टेंडर

पीडब्ल्यूडी के शिमला सर्किल का कारनामा,

 

 

लोक निर्माण विभाग के शिमला सर्किल का कारनामा देखिए। करीब तीन-तीन किलोमीटर की उक्हरो-नेहरा सड़क की मरम्मत और उपर फथाची सड़क के निर्माण के लिए 10-10 टेंडर जारी कर दिए। यह पूरा काम लगभग 10 लाख रुपये का है। ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया से बचने के लिए 97,000 रुपये के 10 टेंडर निकाले गए हैं।

सरकार ने नियम बनाए हैं कि एक लाख या इससे अधिक राशि के कामों के लिए ई-टेंडरिंग प्रक्रिया जरूरी होगी, लेकिन लोक निर्माण विभाग ने इन कामों को इतने छोटे हिस्सों में बांट दिया कि हर टेंडर ऑफलाइन ही रहे।

इसका मतलब यह हुआ कि पारदर्शी ई-टेंडरिंग प्रक्रिया से बचने के लिए जानबूझकर ऐसा किया गया। यह तरीका ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने का एक साधन बन सकता है। अगर कोई काम 10 लाख रुपये का है, तो उसे एक ही टेंडर में निकाला जाना चाहिए, ताकि उसकी गुणवत्ता बनी रहे और उचित निगरानी हो सके।
यहां 10 लाख रुपये के काम को 10 टुकड़ों में बांट दिया गया, जिससे यह तय करना मुश्किल हो गया कि कौन ठेकेदार कौन-सा हिस्सा बना रहा है और उसकी जिम्मेदारी क्या होगी।
छोटे टेंडर में सबसे बड़ी दिक्कत यही होती है कि गुणवत्ता से समझौता होता है। बड़े ठेकेदारों की तुलना में छोटे ठेकेदारों के पास जरूरी संसाधन नहीं होते, जिससे काम आधे-अधूरे तरीके से पूरे होते हैं।
यही कारण है कि कई बार सड़कें कुछ ही महीनों में उखड़ जाती हैं। शिमला में पहले भी यह देखा गया है कि मरम्मत के नाम पर सड़कों को पैचवर्क से ठीक कर दिया जाता है, लेकिन बरसात के बाद वे फिर से खराब हो जाती हैं।
क्षेत्र के लोगों की मांग है कि इन कामों को एक ही बड़े टेंडर में शामिल किया जाए, ताकि काम की निगरानी हो और गुणवत्ता भी बनी रहे। 

कई जगह छोटे छोटे काम होने के कारण छोटे टेंडर किए जा रहे हैं। विभाग टेंडर प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरत रहा है- राजेश अग्रवाल, अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग

 

 

 

 

 

 

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