Aug 16, 2025
HIMACHAL

केंद्र ने जारी किए 122.8 करोड़ रुपये; जानें

Himachal News: ग्राम पंचायतों में गति पकड़ेंगे रुके काम, केंद्र ने जारी किए 122.8 करोड़ रुपये; जानें

Stalled works in Gram Panchayats will gain momentum Centre releases Rs 122.8 crore

हिमाचल प्रदेश में ग्राम पंचायतों में रुके हुए काम गति पकड़ेंगे। केंद्र सरकार ने पंद्रहवें वित्तायोग की संस्तुति के बाद दो किस्तें जारी की हैं। केंद्र ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए लंबित राशि की पहली किस्त के रूप में 17.20 करोड़ रुपये जारी किए हैं, जबकि दूसरी 105.60 करोड़ रुपये की है। यानी केंद्र से 122.8 करोड़ रुपये की ग्रांट जारी की गई है।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने पंद्रहवें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए टाइड अनुदान जारी किया है। राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि अनुदान की धनराशि केंद्र सरकार से प्राप्त होने के दस कार्य दिवसों के भीतर संबंधित स्थानीय निकायों को हस्तांतरित की जाए। यदि इसमें देरी होती है, तो राज्य सरकार को ब्याज सहित राशि जारी करनी होगी। इस अनुदान का वितरण 2011 की जनगणना की जनसंख्या के 90 फीसदी और क्षेत्रफल के 10 फीसदी भार के आधार पर किया जाएगा।

 

 

 

 

 

 

 

यह ग्रांट स्वच्छता, खुले में शौच मुक्त स्थिति का रखरखाव, पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन आदि कार्यों पर खर्च की जाएगी। जहां तक संभव हों स्थानीय निकाय इन बंधे हुए अनुदानों का आधा-आधा हिस्सा इन दोनों महत्वपूर्ण सेवाओं में से प्रत्येक के लिए निर्धारित करेंगे। हालांकि, यदि कोई स्थानीय निकाय एक श्रेणी की जरूरतों को पूरी तरह से पूरा कर लेता है, तो वह दूसरी श्रेणी के लिए धन का उपयोग कर सकता है।

 हिमाचल प्रदेश के 19.20 लाख जन धन खातों की दोबारा होगी केवाईसी, ये रहेंगे आवश्यक दस्तावेज
Himachal News KYC of 19.20 lakh Jan Dhan accounts of Himachal Pradesh will be done again

हिमाचल प्रदेश के 19.20 लाख जन धन खातों की दोबारा से केवाईसी होगी। प्रधानमंत्री जन धन योजना के 11 साल से अधिक का समय पूरा होने पर केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 30 सितंबर तक रि केवाईसी करने की मोहलत दी है। दोबारा केवाईसी न करवाने वाले उपभोक्ताओं को अक्तूबर से नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू होगी। तीन नोटिस के बाद भी आवश्यक औपचारिकता पूरी न करने वाले ग्राहकों के खाते अस्थायी रूप से बंद कर दिए जाएंगे।

यह प्रक्रिया बैंकिंग सुरक्षा को सुदृढ़ करने, खातों की सक्रियता सुनिश्चित करने और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामले रोकने के उद्देश्य से लागू की जा रही है। योजना की शुरुआत 28 अगस्त, 2014 को हुई थी। इसका उद्देश्य हर नागरिक को बैंकिंग सुविधा से जोड़ना था। इस योजना के तहत शून्य बैलेंस पर खाता खोला जा सकता है। इसमें एटीएम कार्ड, बीमा और ओवरड्राफ्ट की सुविधा भी मिलती है। हिमाचल में साल 2014 से 2025 तक 19.20 लाख जन धन खाते विभिन्न बैंकों में खोले गए हैं। इनमें से करीब 25 फीसदी निष्क्रिय हैं। बीते 11 साल के दौरान इन खातों में कोई ट्रांजेक्शन नहीं हुई। 4.54 लाख ग्राहकों के रुपे कार्ड एक्टिवेट भी नहीं हुए। रुपे कार्ड का इस्तेमाल न करने के चलते यह 4.54 लाख खाता धारक दो लाख रुपये के बीमा दुर्घटना के लाभ से वंचित हो चुके हैं।

प्रदेश के सहकारी बैंकों में जीरो बैलेंस खाते 13 फीसदी हैं, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 10.18 फीसदी हैं। स्माल फाइनेंस बैंकों में जीरो बैलेंस खाते सबसे अधिक 53.38 फीसदी हैं। ऐसे में अब दोबारा होने जा रही केवाईसी प्रक्रिया के बाद स्पष्ट होगा कि वास्तव में कितने जन धन खाते हैं। राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के अध्यक्ष विवेक कुमार मिश्रा ने बताया कि नई व्यवस्था से अवगत करवाने के लिए प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष शिविर लगाए जाएंगे। दूरदराज के ग्राहकों को समय रहते यह प्रक्रिया पूरी करवाने के लिए यह फैसला लिया गया है।

केवाईसी के लिए ये रहेंगे आवश्यक दस्तावेज
खाताधारकों को केवाईसी करवाने के लिए अपने बैंक में जाकर आधार कार्ड, वोटर आईडी या पैन कार्ड जमा करवाना होगा। इसके अलावा निवास प्रमाण पत्र और पासपोर्ट साइज फोटो भी देना होगा।

बैंक खातों में करवा सकेंगे एक से अधिक नामांकन, शेयर के हिसाब से होगा बंटवारा
अब सभी प्रकार के बैंक खातों में ग्राहक एक से अधिक नॉमिनेशन (नामांकन) भी करवा सकेंगे। पहले एक नामांकन होता था। नई व्यवस्था के तहत खाताधारकों को यह तय करना होगा कि उनके निधन के बाद उनके खाते में जमा राशि किस-किस व्यक्ति को कितने-कितने शेयर में प्राप्त होगी। इससे भविष्य में उत्तराधिकार विवादों से बचा जा सकेगा।

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