Oct 13, 2025
Latest News

ग्रेच्युटी, अवकाश के बदले नकद भुगतान की पूरी बकाया राशि जारी करेगी सरकार

हिमाचल प्रदेश: ग्रेच्युटी, अवकाश के बदले नकद भुगतान की पूरी बकाया राशि जारी करेगी सरकार, HC को दिया आश्वासन

Himachal Government will release the entire outstanding amount of gratuity cash payment in lieu of leave

देशआदेश

पेंशनरों के बकाया वेतन, पेंशन, ग्रेच्युटी और मेडिकल बिलों के भुगतान पर राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि गंभीर बीमारियों से पीड़ित पेंशनरों को भुगतान करने के लिए आवश्यक मंजूरी दी गई है। यह जानकारी कोर्ट में महाधिवक्ता अनूप रतन ने दी, जिन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) से 23 सितंबर को प्राप्त निर्देशों को रिकॉर्ड पर रखा।

इन निर्देशों में बताया गया है कि मधु देशटा बनाम राज्य सरकार और अन्य संबंधित मामलों में उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए वित्त विभाग ने कैंसर और हृदय रोगों जैसी जानलेवा बीमारियों से पीड़ित पेंशनरों को बकाया राशि जारी करने की मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी 3 जनवरी 2022 और 25 फरवरी 2022 की अधिसूचनाओं के कुछ प्रावधानों में छूट देकर दी गई है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि वे पहले से ही जानलेवा बीमारियों से पीड़ित पेंशनरों के मामलों में ग्रेच्युटी और छुट्टी के बदले नकद भुगतान की पूरी बकाया राशि जारी कर रहे हैं। 

अदालत को बताया गया कि राज्य सरकार सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के मेडिकल प्रतिपूर्ति दावों को निपटाने के लिए सभी सरकारी विभागों को पर्याप्त धनराशि प्रदान कर रही है। सरकार ने यह भी दोहराया कि वह सभी देय और स्वीकार्य मेडिकल प्रतिपूर्ति दावों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि इन निर्देशों में राशि जारी करने के लिए कोई निश्चित समय-सीमा नहीं बताई गई थी, लेकिन महाधिवक्ता ने अदालत को आश्वासन दिया कि संबंधित विभागों को मंजूरी मिलते ही तुरंत राशि जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने अनुमान लगाया कि इस प्रक्रिया में 7 से 14 दिन लग सकते हैं।

इस पर न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की अदालत ने राज्य सरकार को अगली सुनवाई की तारीख से पहले गंभीर बीमारियों से पीड़ित पेंशनरों के बकाया और मेडिकल बिलों का भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 15 अक्तूबर को होगी। अदालत ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा, विद्युत निगमों, बोर्डों और विश्वविद्यालयों के वकीलों को भी आदेश दिए कि वे इस संबंध में पूर्ण जानकारी प्राप्त करें और बकाया राशि जारी करना सुनिश्चित करें।