पांवटा साहिब से ज्यादा कालाअंब प्रदूषित
पांवटा साहिब से ज्यादा कालाअंब प्रदूषित
देशआदेश
जनपद सिरमौर के दो शहरों की आबोहवा दिन प्रतिदिन खराब हो रही है। प्रदेश के प्रदूषित शहरों में गिने जाने वाले पांवटा साहिब और कालाअंब क्षेत्र की आबोहवा खराब करने में उद्योग ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि भारी गर्मी के बीच धूल भरी आंधियां, जंगल में लगाई जा रही आग, वाहनों का प्रदूषण और सड़कों की टारिंग समेत अन्य कारक भी हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक पांवटा साहिब शहर से ज्यादा कालाअंब क्षेत्र की आबोहवा खराब हो रही है। यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स अप्रैल माह में 174 तक पहुंच गया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मई माह में एयर क्वालिटी इंडेक्स रिपोर्ट भी अपडेट कर रहा है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि कालाअंब की आबोहवा में जहर के कण घुल रहे हैं, जो स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक हैं।
स्थिति यही रही तो बड़ी चिंता का कारण भी बन सकती है। औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में प्रदूषण का स्तर अप्रैल माह में न्यूनतम 84 और अधिकतम 174 रहा। जबकि पांवटा साहिब शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स में प्रदूषण का स्तर न्यूनतम 92 और अधिकतम 148 रहा।
बता दें कि एयर क्वालिटी इंडेक्स यदि 50 तक है तो वह अच्छी श्रेणी में है। 51 से 100 तक संतोषजनक जोन में शामिल है, यानी संवेदनशील लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। जबकि, 101 से 200 के बीच का स्तर मोडरेट (संतुलित) जोन यानी बच्चों और बुजुर्गों में सांस लेने में तकलीफ फेफड़े व हृदय रोग की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इससे ऊपर के एयर क्वालिटी इंडेक्स से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ऐसा स्थान रहने लायक नहीं बचा है।
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. हितेंद्र शर्मा ने बतायाकि प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ बोर्ड समय-समय पर कार्रवाई करता है। इस समय औद्योगिक विकास रुका है। जो भी प्रदूषण उद्योगों से पैदा हो रहा है वह नियंत्रित है लेकिन प्रदूषण फैलाने के लिए ऐसी गतिविधियां भी जिम्मेदार हैं जो अप्रत्यक्ष तौर पर हो रही हैं। फिर भी सिरमौर के दोनों शहरों की स्थिति काफी हद तक सही है।