खेतों से घास हटाने का कार्य मनरेगा में डालें
खेतों से घास हटाने का कार्य मनरेगा में डालें
देशआदेश
बेरछा पंचायत की ग्राम सभा में खेती को खरपतवार से बचाने के लिए एक प्रस्ताव पारित करके सरकार को भेजा है। इसमें उन्होंने खेतों से घास की निराई करने का कार्य भी मनरेगा से करवाने की मांग रखी है।
अभी तक किसान फसल से घास खत्म करने के लिए रसायन का इस्तेमाल करते है। इससे जमीन की उपजाऊ शक्ति खत्म हो रही है, वहीं खाने की वस्तुओं में भी जहर मिल रहा है। पंचायत ने तर्क दिया है कि यह तभी बंद होगा, जब निराई का कार्य मनरेगा से होगा वरना लोग घास मारने के लिए स्प्रे करते रहेंग
पंचायत प्रधान बलविंद्र कौर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। पूर्व प्रधान और वार्ड सदस्य जितेंद्र जिंदू ने कहा कि मनरेगा में भूमि सुधार समेत 200 से अधिक कार्य शामिल हैं। किसान अपनी फसलों से घास मारने के लिए जहरीली दवाओं को इस्तेमाल कर रहे हैं।
इतना ही नहीं बल्कि इससे पशुओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। खेतों में उग रहा अनाज भी जहर बनता जा रहा है। लोग उच्च रक्तचाप, शुगर जैसी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।
घास खत्म करने के रसायन से छुटकारा पाने के लिए एकमात्र उपाय है कि इस कार्य को मनरेगा में डाला जाए। इससे दो फायदे होंगे। एक तो किसानों जो हर वर्ष हजारों रुपये के रसायन का छिड़काव करने से छुटकारा मिलेगा। दूसरे किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी।
पंचायत प्रधान बलविंद्र कौर ने कहा कि नालागढ़ के किसानों की सबसे बड़ी समस्या खेतों में उगने वाला अनावश्यक घास है। अगर इसका हल निकल जाए तो किसानों की खेती के लिए वरदान साबित होगा। उन्होंने सरकार से घास की निराई का कार्य मनरेगा से करवाने की मांग की है। बैठक में उपप्रधान जगदीश चंद, वार्ड पंच जितेंद्र जिंदू, पूनम देवी, आशा देवी, तरसेम लाल ने भाग लिया।