Oct 18, 2024
POLITICAL NEWS

कश्यप को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाया, बिंदल को दूसरी बार कमान

कश्यप को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाया, बिंदल को दूसरी बार कमान

डॉ. बिंदल पहले भी बनाए गए थे अध्यक्ष, विवाद के बाद दिया था इस्तीफा

बिंदल पर फिर भरोसा क्यों?

 

 

देशआदेश

 

सांसद सुरेश कश्यप को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। कश्यप को हटाकर डॉ. राजीव बिंदल को दूसरी बार हिमाचल प्रदेश भाजपाध्यक्ष की कमान सौंपी गई है। एक विवाद के बाद डॉ. बिंदल को पिछली बार अध्यक्ष पद से हटाया गया था। उन पर दूसरी बार भरोसा जताया गया है। वहीं, पवन राणा को भी हिमाचल प्रदेश से हटाकर दिल्ली के संगठन महामंत्री की कमान दी गई है। अब हिमाचल के नए संगठन महामंत्री सिद्धार्थन होंगे। सिद्धार्थन दिल्ली राज्य के संगठन महामंत्री थे।

 

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा संगठन के शीर्ष नेताओं को हटाने का फैसला विधानसभा चुनाव में मिली हार के करीब चार महीने बाद लिया है। हार के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और संगठन महामंत्री का हटना पहले ही तय माना जा रहा था। कश्यप का बतौर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष तीन साल का कार्यकाल पूरा हो चुका था। उसके बाद वह दूसरे कार्यकाल में भी बने हुए थे। राणा तो करीब एक दशक से इस पद पर थे।

राणा मूलरूप से कांगड़ा जिले के ज्वालामुखी से हैं। वहीं, बतौर दिल्ली के प्रदेश संगठन महामंत्री राजेंद्रन ने नगर निगम चुनाव में अपने काम से नेतृत्व को संतुष्ट किया है। यह कार्रवाई ठीक ऐसे समय में की गई है, जब भाजपा के लक्ष्य में नगर निगम शिमला के चुनाव हैं। इसके अलावा अगले साल प्रस्तावित लोकसभा चुनाव को भी भाजपा ने लक्षित कर रखा है।

डॉ. बिंदल पहले भी बनाए गए थे अध्यक्ष, विवाद के बाद दिया था इस्तीफा
डॉ. राजीव बिंदल पहले भी अध्यक्ष बनाए गए थे। एक विवाद के बाद डॉ. बिंदल ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पद से 27 मई, 2020 को इस्तीफा दे दिया था। वर्ष 2017 में जयराम सरकार के बनने के बाद बिंदल को विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया था। वहीं, सतपाल सत्ती का बतौर पार्टी प्रदेशाध्यक्ष दोहरा कार्यकाल पूरा होने के बाद बिंदल को पहली बार पार्टी की कमान सौंपी गई, जबकि विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार को बना दिया गया।

बिंदल के प्रदेशाध्यक्ष पद पर रहते हुए स्वास्थ्य विभाग में अवैध लेनदेन की एक घटना सामने आई। इसी दौरान बिंदल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। बिंदल ने इस्तीफा देते हुए सफाई दी थी कि कुछ लोग अप्रत्यक्ष रूप से इस घटना से भाजपा नाम जोड़ रहे हैं, इसलिए वह नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देते हैं। गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में राज्य के तत्कालीन स्वास्थ्य निदेशक की बातचीत थी, जिसमें पांच लाख रुपये के अवैध लेनदेन की बातें सामने आई थीं।

बिंदल पर फिर भरोसा क्यों?
पार्टी नेतृत्व से जुड़े सूत्रों का कहना है कि बिंदल की सांगठनिक क्षमता ज्यादा कुशल थी। विधानसभा चुनाव में मिली हार में राज्य संगठन का ढीला रवैया भी जिम्मेदार रहा है। इसके अलावा अवैध लेनदेन वाले विवाद में उनके शामिल होने का कोई सबूत सामने नहीं आया। इस कारण बिंदल पर फिर विश्वास व्यक्त किया गया है।

 

इस्तीफा नहीं दिया, नड्डा से किसी और को जिम्मेदारी देने की बात की : कश्यप
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप ने इस्तीफे की अटकलों पर स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने इस्तीफा देने की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से आग्रह किया है कि उनका कार्यकाल पूरा हो गया है। अब लोकसभा चुनाव नजदीक है।

लिहाजा, किसी और को प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाए। रविवार को मीडिया के सवाल के जवाब में कश्यप ने शिमला में कहा कि उन्होंने अध्यक्ष से आग्रह किया है कि लोकसभा चुनाव बहुत जल्दी आने वाले हैं।

 

किसी और को पार्टी प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा तो यह अच्छा होगा। बहुत से काबिल लोग हैं। अगर किसी और को यह जिम्मेदारी मिलती है तो वह अपने क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान दे पाएंगे। उन्होंने कहा कि इस्तीफे वाली कोई बात नहीं है।

यह उल्लेखनीय है कि वीरवार को कश्यप के बारे में सोशल मीडिया पर अटकलें लगाई जा रही थीं कि उन्होंने नड्डा को इस्तीफा सौंप दिया है। यह अटकलें गलत निकली हैं। हालांकि, कश्यप ने माैखिक रूप से नड्डा से पद छोड़ने की इच्छा जरूर जताई है।

सुरेश कश्यप शिमला संसदीय क्षेत्र से सांसद भी हैं। वह आगामी चुनाव की तैयारी के चलते पद छोड़ने की पेशकश कर चुके हैं। विधानसभा चुनाव में कश्यप के अध्यक्ष रहते हिमाचल प्रदेश में हुई भाजपा की हार के बाद और उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद पहले से ही माना जा रहा था कि उनका हटना तय है। इससे पहले कश्यप ने यह इच्छा खुद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष से जता दी है। इससे एक बात यह भी स्पष्ट है कि वह एक बार फिर शिमला संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं।