Nov 24, 2024
HIMACHAL

जनजाति मुद्दे को लेकर बलदेव तोमर ने की आवाज बुलंद 

154 पंचायतों के हाटी समुदाय के जनजाति मुद्दे को लेकर बलदेव तोमर ने की आवाज बुलंद

न्यूज़ देशआदेश

 

शिलाई के पूर्व विधायक बलदेव सिंह तोमर काफ़ी समय बाद मीडिया से रूबरू होते हुए  एक बार फिर उन्होंने गिरिपार के हाटी समुदाय के जनजाति मुद्दे को लेकर आवाज बुलंद की।

बलदेव तोमर ने कहा कि यह मांग लगभग 55 साल पुरानी मांग है, जो अब सिरे चढ़ी है। राज्यसभा और लोकसभा से यह बिल पारित हो गया है। महामहिम राष्ट्रपति के हस्ताक्षर भी हो चुके हैं।

उन्होंने कहा कि अभी सिरमौर के गिरिपार के युवाओं को इसका लाभ मिलना था मगर प्रदेश सरकार की अंतिम मोहर न लगने के कारण रुकावट बन रही है। और जो युवा अभी सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे हैं, वो इस लाभ से वंचित रह जायेंगे।

उन्होंने कहा कि पूर्व में भाजपा सरकार के रहते मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस मुद्दे को सिरे चढ़ाने में तेजी दिखाई और केन्द्र सरकार से मांग की। काफी संघर्षों के बाद गिरीपार क्षेत्र वासियों की यह मांग पूरी हुई है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पिछले एक महीने से इस फाइल को छुपा कर रखा है। सरकार का कोई भी प्रतिनिधि इस मुद्दे पर बातचीत तक नहीं करते।

या यूं कहा जाए कि प्रदेश सरकार की मंशा ही नहीं है इस मुद्दे को अंत तक पहुंचाने की। यहां तक की स्वयं गिरिपार क्षेत्र से संबंध से रखने वाले उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान भी इस मुद्दे पर बातचीत नहीं करते हैं।

बलदेव तोमर ने कहा कि कुछ लोग क्षेत्र वासियों को बरगलाने और बांटने का कार्य कर रहे हैं। अनुसूचित जाति व ओबीसी वर्ग के लोगों को बहलाने का काम कर रहे हैं।

उन्होंने प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू से आग्रह किया कि यह मुद्दा किसी पार्टी विशेष का मुद्दा नहीं है बल्कि जनहित का मुद्दा है। कहा कि गिरिपार की 154 पंचायतों का मुद्दा है, नौजवानों का मुद्दा है।

उन्होंने प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि तुरंत जिला प्रशासन को चिट्ठी के माध्यम से आदेश करें ताकि राजस्व रिकॉर्ड में इसे रखा जाए, और एसटी के सर्टिफिकेट मिलने आरंभ हो।

उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश सरकार इस मुद्दे को अंत तक पहुंचाने में देरी करती है तो गिरिपार के लोग आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

उन्होंने कहा कि अभी विधानसभा का सत्र चल रहा था उन्हें उम्मीद थी कि इस सत्र में इस पर जरूर चर्चा होगी। मगर अभी भी प्रदेश सरकार इस मुद्दे को लंबा खींच रही हैं। जोकि गिरिपार के ग्रामीणों के साथ अन्याय है।