Arjuna Award: हिमाचल की रितु नेगी को मिलेगा देश का दूसरा बड़ा खेल पुरस्कार, पिता ने गांव में बांटी मिठाई
Arjuna Award: हिमाचल की रितु नेगी को मिलेगा देश का दूसरा बड़ा खेल पुरस्कार, पिता ने गांव में बांटी मिठाई
देशआदेश मीडिया
चीन के हांगझोऊ में अक्तूबर में हुए एशियाई खेलों में देश के लिए स्वर्ण पदक जिताने वालीं भारतीय महिला कबड्डी टीम की कप्तान रितु नेगी को अर्जुन अवॉर्ड मिलने की खबर सुनकर उनके पैतृक गांव (मायके) के लोग अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। जैसे ही उन्हें भारत सरकार के खेल मंत्रालय से फोन पर खबर मिली तो परिवार की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के दुर्गम इलाके के एक छोटे से गांव की रितु नेगी को देश के दूसरे बड़े खेल सम्मान से नवाजा जाएगा।
मंगलवार को ही रितु नेगी अपने मायके शिलाई पहुंची हैं, जहां अपने परिजनों के बीच उन्हें पुरस्कार मिलने की सूचना मिली। पिता भवान सिंह नेगी और माता पूर्णिमा नेगी के घर जन्मीं रितु की प्रारंभिक शिक्षा गांव के प्राथमिक स्कूल शिरोग में हुई। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला शिलाई से नवीं कक्षा पास करने के बाद उनका चयन बिलासपुर छात्रावास के लिए हुआ। यहां उन्हें खेलों में हिस्सा लेने के साथ साथ स्नातक की पढ़ाई पूरी की। 2014 में वह इंडियन रेलवे के लिए चुनी गईं। 2022 में उनका विवाह कबड्डी स्टार हरियाणा के पानीपत निवासी रोहित गुलिया के साथ हुआ।
रितु नेगी की उपलब्धियां
2007 में रितु नेगी ने हिमाचल टीम से हरिद्वार में हुई नेशनल चैंपियनशिप में पहली बार हिस्सा लिया।
2011 में मलयेशिया में थर्ड जूनियर एशियन कबड्डी चैंपियनशिप (अंडर-20) में भारत ने रितु की कप्तानी में गोल्ड जीता।
2018 में 18वीं एशियन गेम्स में भारत के लिए इंडोनेशिया में रजत पदक जीता।
2019 में नेपाल में हुए साउथ एशियन गेम्स में देश के लिए स्वर्ण पदक जीता।
2023 में उन्हें फिर कप्तानी मिली और चीन में टीम ने देश के लिए गोल्ड जीता।
पुरस्कार मिलने की खुशी में पिता ने गांव में बांटी मिठाई
अर्जुन पुरस्कार के लिए रितु के चयन के बाद शिलाई क्षेत्र में खुशी का माहौल है। शिलाई में उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया है।
इस दौरान पिता भवान सिंह ने बेटी को खेल पुरस्कार मिलने खुशी में गांव में मिठाई भी बांटीं। भवान सिंह नेगी ने बताया कि उन्हें बेहद खुशी है कि सिरमौर की बेटी ने सर्वश्रेष्ठ खेल का प्रदर्शन कर देश मेंं पहचान बनाई है। रितु को बचपन से ही खेलने का शौक रहा और आज उन्हें अर्जुन पुरस्कार के लिए चुना जाना बड़ी उपलब्धि है।