Nov 22, 2024
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रघुनाथ की नगरी से लेकर गए चांदी की चरण पादुका और चौउंर सौंपे

 

181 साल बाद हनुमानघाट मंदिर से दर्शन के लिए बाहर निकाली जाएगी श्रीराम की मूर्ति

अयोध्या धाम के लिए हिमाचल से चलेगी बस, मंत्रिमंडल भी जाएगा दर्शन करने : मुकेश

रघुनाथ की नगरी से लेकर गए चांदी की चरण पादुका और चौउंर सौंपे

 

अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान देवभूमि हिमाचल प्रदेश में आज सोमवार को दिवाली जैसा माहौल होगा। 4,000 मंदिरों में एलईडी स्क्रीनें लगाकर रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह दिखाया जाएगा। हर जिला मुख्यालय में 5,100 से 11,000 दीये जलाने की तैयारी है। प्रदेश का हर व्यक्ति श्रीराम की भक्ति डूबेगा।अयोध्या में समारोह में शामिल होने 52 संतों के अलावा कुल्लू से भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह, पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह, कांग्रेस विधायक सुधीर शर्मा और बाॅलीवुड अभिनेत्री कंगना रणौत समेत कई लोग पहुंचे हैं।

विश्व हिंदू परिषद के प्रांत अध्यक्ष और प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए बतौर हिमाचल संयोजक सेवाएं दे रहे लेखराज राणा ने बताया कि हिमाचल के 69 लोगों को अयोध्या में होने वाले कार्यक्रम के लिए निमंत्रण दिया गया था, इनमें 52 संत भी शामिल हैं।

 

181 साल बाद हनुमानघाट मंदिर से दर्शन के लिए बाहर निकाली जाएगी श्रीराम की मूर्ति
रामपुर में हनुमानघाट मंदिर से लोगों को दर्शन के लिए 181 साल बाद श्रीराम की मूर्ति बाहर निकाली जाएगी। इसके अलावा व्यापारी 200 किलो लड्डू बांटेगे।

 

सीएसआईआर पालमपुर के ट्यूलिप गार्डन से अयोध्या भेजे गए फूल
अयोध्या में होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पालमपुर के फूल भी खुशबू के रंग बिखरेंगे। यह फूल (सीएसआईआर) पालमपुर के ट्यूलिप गार्डन से भेजे गए हैं, जो भगवान श्रीराम को अर्पित किए जाएंगे।

इससे सीएसआईआर भी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। सीएसआईआर-आईएचबीटी का ट्यूलिप गार्डन भारत का दूसरा व हिमाचल प्रदेश का पहला गार्डन है। इसमें ट्यूलिप की विभिन्न प्रजातियों को लगाया जाता है। यह गार्डन हिमाचल प्रदेश के प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ावा एवं पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद कर रहा है।

फ्लोरिकल्चर मिशन के नोडल वैज्ञानिक डॉ. भव्य भार्गव ने बताया कि ट्यूलिप को इस साल हाइड्रोपोनिक तकनीक से उगाया गया है। इन फूलों को अयोध्या में पूजा-अर्चना का हिस्सा बनने के लिए भेजा है।

संस्थान के निदेशक डॉ. सुदेश कुमार यादव ने उम्मीद जताई कि मिशन से जुड़े किसान भी अपने-अपने खेतों में उगाए फूलों को अयोध्या भेजेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि यह कदम हमारे सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर की भव्यता बढ़ाने में और पालमपुर को नई पहचान देने में सहयोग होगा।

 

अयोध्या जाकर जल्द रामलला के दर्शन करेगा मंत्रिमंडल : मुकेश
श्रीराम के जन्म स्थल अयोध्या धाम के लिए हिमाचल से बस चलेगी। कोशिश रहेगी कि रामलला के दर्शन करने के लिए अयोध्या धाम जाने वाले हिमाचल के श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मिले।

इसके लिए भविष्य में प्रयास किए जाएंगे। जल्द ही पूरा मंत्रिमंडल अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन कर आशीर्वाद भी लेगा। यह बात उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कही।

उन्होंने कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बना है। रामलला विराजमान हो रहे हैं, यह खुशी व प्रसन्नता का विषय है। श्रीराम मंदिर के लिए ऐतिहासिक काम पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहते हुए किया गया, ताले उस समय खुलवाए गए थे।

उन्होंने कहा कि सभी अपने-अपने घरों में दीपमाला करें। कहा कि वह भी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के समय ईसपुर के शीतला माता मंदिर में उपस्थित रहेंगे, जहां भंडारे का आयोजन भी किया गया है।

शाम के समय बनोड़े महादेव मंदिर में माथा टेकने जाऊंगा। रात्रि को राष्ट्रीय संत बाबा बाबा जी महाराज का आशीर्वाद लेने श्री राधा कृष्ण मंदिर में रहूंगा। हम सभी मंदिरों में सुविधाओं को बढ़ाने की ओर भी ध्यान दे रहे हैं।

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि देवभूमि के मंदिरों की भव्यता, सौंदर्यीकरण की रूपरेखा बनाने की कार्ययोजना पर बल दिया जा रहा है।

 

रघुनाथ की नगरी से लेकर गए चांदी की चरण पादुका और चौउंर सौंपे
भगवान रघुनाथ की अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए रघुनाथ की नगरी कुल्लू से चांदी की चरण पादुका और चौउंर (चंवर) को भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने सौंप दिया है।

महेश्वर सिंह ने अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक दिनेश चंद्र और श्रीराम जन्म भूमि न्यास के उपाध्यक्ष अशोक कुमार को भगवान राम के नूतन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के लिए चांदी की चरण पादुका और चांदी का चौउंर प्रदान किया।

महेश्वर सिंह ने अयोध्या के त्रेतानाथ मंदिर में भी पूजा-अर्चना की। यह वही मंदिर हैं, जहां से भगवान रघुनाथ की मूर्ति को दशकों पहले कुल्लू लाया गया था। इससे कुल्लू का इतिहास अयोध्या से जुड़ा हुआ है। महेश्वर सिंह ने हनुमानगढ़ी मंदिर में भी पूजा की।

भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि उनके पूर्वज राजा जगत सिंह के समय अयोध्या स्थित त्रेतानाथ मंदिर से भगवान रघुनाथ की मूर्ति को कुल्लू लाया गया था।

इसके बाद हमारा परिवार भगवान रघुनाथ का सेवक मात्र है। अयोध्या नगरी के त्रेतानाथ मंदिर में पूजा-अर्चना का अवसर मिला है।