Oct 18, 2024
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2026 तक प्रदेश हरित ऊर्जा राज्य के रूप में विकसित होगा:सीएम

मुख्यमंत्री सुक्खू बोले- किसानों की आय बढ़ाने के लिए बजट में आएंगी नई योजनाएं

न्यूज़ देशआदेश

 

cm sukhvinder Sukhu said- New schemes will come in the budget to increase the income of farmers
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने दुग्ध उत्पादकों के साथ किया संवाद 

 

सरकार किसानों को स्वावलंबी बनाना चाहती है, जिससे वह घर पर रहकर अच्छी कमाई कर सकें, नौकरी के पीछे न भागें। किसानों को मेहनत का उचित मूल्य दिलाने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, आगामी बजट में इनकी घोषणा होगी।

होटल पीटरहॉफ में मिल्कफेड के दुग्ध उत्पादकों के साथ संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने यह बात कही।

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती किसानों का भविष्य है। इसके लिए पशुपालन जरूरी है। दूध उत्पादन आय का स्रोत है और गोबर प्राकृतिक खेती की जरूरत।

दूध खरीद के मूल्य में छह रुपये बढ़ोतरी सरकार की ओर से पशुपालकों को निश्चित आय का आश्वासन है।

इससे अधिक मूल्य पर पशुपालक खुले बाजार में दूध बेच सकते हैं।बाकी बचा दूध सोसायटियों को दे सकते हैं।सरकार दूध उत्पादकों को टैक्स में रियायत देने जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कांगड़ा के ढगवार में 1 लाख 50 हजार लीटर प्रतिदिन की क्षमता का दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया जा रहा है।

बकरी के दूध और पहाड़ी गाय के दूध की खूबियों का अध्ययन किया जा रहा है। 2026 तक प्रदेश हरित ऊर्जा राज्य के रूप में विकसित होगा। मुख्यमंत्री ने संवाद के दौरान मिले सुझावों को बजट में शामिल करने का आश्वासन दिया।

पशुपालन विभाग के सचिव राकेश कंवर ने बताया कि दुग्ध उत्पादकों के साथ संवाद कार्यक्रम में 9 जिलों के पशुपालकों के अलावा गद्दी और गुज्जर समुदाय के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। मिल्कफेड के प्रबंधक निदेशक डॉ. विकास सूद ने अतिथियों का धन्यवाद किया।

 

इस मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, उपायुक्त अनुपम कश्यप, पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी, निदेशक सूचना एवं जन संपर्क राजीव कुमार, निदेशक पशुपालन प्रदीप शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

पशुपालकों को प्रोत्साहन राशि देने की मांग
रामपुर के दुग्ध उत्पादक तुलाराम शर्मा ने मिल्कफेड की ओर से दिए जा रहे फीड की कीमत घटाने, गोवंश के बीमे की सुविधा शुरू करने, अच्छी किस्म का सीमन उपलब्ध करवाने की मांग रखी।
 
आनी के ओम प्रकाश ने महंगाई के अनुपात में दूध के दाम बढ़ाने, नगरोटा के विकास सरीन ने अच्छी किस्मों के पशु खरीदने के लिए ऋण सुविधा देने, पालमपुर के विनय ने गाय का दूध 50 और भैंस का दूध 70 रुपये प्रति किलो खरीदने, ब्यास कामधेनु के जेआर कौंडल ने पशुपालकों को प्रोत्साहन राशि देने की मांग रखी। नादौन की सुनीता ने दूध का खरीद मूल्य बढाने पर आभार जताया।

रीना ने पशु आहार पर सब्सिडी की मांग उठाई
कुल्लू जिला की दुग्ध उत्पादक रीना ठाकुर ने बताया कि दूध खरीद मूल्य 6 रुपये किलो बढ़ने के बाद महीने की कमाई 3,600 रुपये बढ़ गई है। पहले उनका 20 लीटर दूध रोजाना 620 रुपये का बिकता था, अब 740 का बिकता है। पहले महीने में 18,600 कमाई थी, अब 22,200 कमाई हो रही है। रीना ने पशु आहार पर सब्सिडी की मांग उठाई।

सुखाश्रय ग्राम परिसर में होता अस्पताल, ई-लाइब्रेरी और प्रार्थना कक्ष : मुख्यमंत्री
सरकार और मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना में 4 हजार बच्चों को ‘चिल्ड्रन आफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया गया है। अनाथ और निराश्रित बच्चों को अपनत्व, सुरक्षा और संरक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हाल ही में कांगड़ा के ज्वालामुखी के लुथान में सुखाश्रय ग्राम परिसर का शिलान्यास किया है।
इस एकीकृत परिसर में विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ लगभग 400 निराश्रितों के रहने की क्षमता होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परिसर में ई-लाईब्रेरी, अस्पताल, वैलनेस सेंटर, प्रार्थना कक्ष, मंदिर, कॉमन रूम, बहुउद्देशीय डिपार्टमेंटल स्टोर, व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र और पार्क होगा। इसके अलावा टेबल टेनिस, बैडमिंटन, योग, स्वीमिंग पूल, प्ले स्टेशन, जिम सहित अन्य इंडोर और आउटडोर खेलों से संबंधित स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

परिसर में बच्चों, महिलाओं और वृद्धजनों के लिए अलग-अलग आश्रय स्थल निर्मित किए जाएंगे। अनाथ बच्चों के खुशहाल जीवन के लिए 4 हजार रुपये प्रतिमाह जेब खर्च, वार्षिक भ्रमण के दौरान 3 सितारा होटल में ठहरने की सुविधा, शिक्षा के लिए आवश्यक निधि, उत्सव भत्ता और अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के कार्यान्वयन के फलस्वरूप हिमाचल को अनाथ बच्चों के लिए कानून में योजना बनाने वाला देश का पहला राज्य होने का गौरव प्राप्त हुआ है।
उन्होंने कहा कि बाल संरक्षण संस्थानों में टच टेक्नोलॉजी से लैस स्मार्ट बोर्ड, इंडोर और आउटडोर खेल सुविधाएं, संगीत कक्ष, मनोरंजन कक्ष, चिकित्सा कक्ष की सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।
 
मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना में इस वित्तीय वर्ष के दौरान बाल संरक्षण संस्थानों के 1,084 आश्रितों को 2 करोड़ 15 लाख 37 हजार रुपये, 2,718 अनाथ बच्चों को 4 हजार रुपये प्रतिमाह जेब खर्च के रूप में 4 करोड़ 34 लाख 88 हजार रुपये वितरित किए गए हैं। उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे 48 लाभार्थियों को 28 लाख 30 हजार 707 रुपये तथा व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे 17 लाभार्थियों को 26 लाख 95 हजार 994 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।
इसके अतिरिक्त, स्टार्ट-अप के लिए लाभार्थियों को 6 लाख रुपये प्रदान किए गए।
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