Nov 22, 2024
Latest News

‘हिमाचल ने नहीं रोका दिल्ली का पानी’, सुप्रीम कोर्ट में दायर किया शपथ पत्र

अंबोया स्कूल की मेधावी दीपिका चौहान ने पास की जेईई मुख्य परीक्षा

 

 

राजकीय आदर्श माध्यमिक पाठशाला अंबोया की मेधावी छात्रा ने जेईई परीक्षा पास कर ली है जिससे स्कूल में उत्साह का माहौल बना हुआ है। सफलता पर स्कूल प्रबंधन व अभिभावकों को बधाई दी जा रही है।

 

 

बता दें कि गिरिपार के आंजभोज अंबोया स्कूल की मेधावी 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा दीपिका चौहान ने अप्रैल में जेईई मेंस परीक्षा दी थी। इसमें छात्रा ने 65 फीसदी अंक लेकर एडवांस के लिए पास किया। 26 मई को जेईई एडवांस्ड परीक्षा दी जिसमें पास कर स्कूल व क्षेत्र का नाम रोशन कर दिया है।

 

 

अंबोया स्कूल के प्रधानाचार्य नरेंद्र नेगी ने बताया कि स्कूल शुरू सत्र से ही एक घंटा अतिरिक्त कक्षाएं लगाई जाती हैं जिससे ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों में पढ़ाई का वातावरण बना हुआ है।

 

 

इसका परिणाम यह है कि हमारे स्कूल से गांव में रहकर बच्चों ने जेईई एडवांस परीक्षा को पास कर लिया है। परीक्षा पास कर छात्रा ने इतिहास रच दिया है।

 

अंबोया स्कूल के वरिष्ठ प्रवक्ता राजेंद्र शर्मा ने बताया दीपिका चौहान शुरू से ही पढ़ाई में बहुत मेहनती रही है। छात्रा को अपने जीवन में कुछ कर गुजरने की मन में संकल्प व लालसा रही है।

 

 

यही कारण है कि दिन-रात मेहनत करके उसने यह मंजिल प्राप्त की है। दीपिका चौहान ने इस सफलता का श्रेय स्कूल के अध्यापकों तथा अपने माता-पिता को दिया है।

Water Crisis ‘हिमाचल ने नहीं रोका दिल्ली का पानी’, सुप्रीम कोर्ट में दायर किया शपथ पत्र

Himachal clarified its stand in the Supreme Court regarding the water crisis in Delhi

राजधानी दिल्ली में पानी के संकट को लेकर हिमाचल ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। हिमाचल ने सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र दायर कर पानी न रोकने की बात कही है। शपथ पत्र में यह भी कहा कि दिल्ली को पेयजल पहुंचाने के लिए यमुना का पानी मापा जाएगा। पानी को मापने के लिए अपर यमुना रिवर बोर्ड (यूआईआरबी) ने टीम की तैनाती की है।

इसके सहयोग के लिए हिमाचल सरकार ने भी दो अधिकारी नियुक्त कर लिए है। ये अधिकारी नाहन सर्कल के अधीक्षण अभियंता और योजना एवं अन्वेषण यूनिट 2 के अधीक्षण अभियंता हैं। वह जहां यूआईआरबी की टीम को डाटा उपलब्ध करवाएंगे, वहीं यह निगरानी भी करेंगे कि पानी को ठीक से मापा गया है कि नहीं। इसमें दिल्ली को जलापूर्ति के साथ हिमाचल के हितों को देखा जा रहा है कि नहीं, इस पर भी ध्यान देंगे।

उधर, मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार दिल्ली सरकार के साथ किए गए समझौते के अनुसार दिल्ली को पानी देने के लिए प्रतिबद्ध है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पानी की कमी के चलते हिमाचल को अतिरिक्त पानी छोड़ने के निर्देश दिए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा स्पष्ट कर चुके हैं कि हिमाचल ने पानी नहीं रोका है। पानी देने के लिए सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। वर्ष 2019 में हिमाचल सरकार और दिल्ली के बीच एमओयू साइन हुआ था। इसके मुताबिक 137 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है।

बता दें कि हरियाणा सरकार का आरोप है कि दिल्ली के लोगों की प्यास बुझाने के लिए अभी तक हिमाचल ने 137 क्यूसिक पानी देना आरंभ नहीं किया है। वहीं, हिमाचल के अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में कहीं कोई रुकावट नहीं है। जितना भी अतिरिक्त पानी है, उसे दिल्ली के लिए छोड़ा जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में यमुना नदी और इसकी सहायक उपनदियों पर कहीं कोई बांध नहीं है और न ही बैराज है। ऐसे में पानी रोके जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता। हरियाणा के आरोप के बाद अब हिमाचल ने सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र दायर किया है।

उधर, जल शक्ति विभाग की इंजीनियर इन चीफ अंजू शर्मा ने कहा कि पानी देने में विभाग को कोई दिक्कत नहीं है। पानी को किसने नहीं रोका है। सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर शपथ पत्र दायर कर दिया है।