भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान केंद्र करनाल और कृषि विज्ञान केंद्र सिरमौर ने चलाया अभियान, किसानों को बताई नवोन्मेषी तकनीकें
भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान केंद्र करनाल और कृषि विज्ञान केंद्र सिरमौर ने चलाया अभियान, किसानों को बताई नवोन्मेषी तकनीकें
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के करनाल स्थित भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिकों डॉ. सत्यवीर सिंह बाजवा, डॉ. अनिल खिप्पल, डॉ. जयंत और डॉ. चारुलता ने जिला सिरमौर के विभिन्न गांवों का दौरा किया।
इस दौरान तीन गावों उत्तमवाला, बोहलियों एवं पातलियों के अनुसूचित जाति के किसानों को कृषि क्षेत्र में हो रहे नवोन्मेषी तकनीकों और प्रगति के विषय में जानकारी दी।
भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान केंद्र करनाल ने कृषि विज्ञान केंद्र सिरमौर के सहयोग से इन तीन गावों में 25, 26 और 27 जून को इन जागरुकता शिविरों का आयोजन किया।
वैज्ञानिकों ने किसानों से दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भर होने की आवश्यकता पर जोर दिया, साथ ही कहा कि हमारे किसानों की आय बढ़ाने और बदलते परिदृश्य के लिए तकनीकी उन्नति को अपनाना अत्यंत आवश्यक है।
हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी कृषि नीति और शोध छोटे और सीमांत किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएं।
प्रदेश के मत्स्य पालकों ने रोपड़ फार्मिंग केंद्र में सीखे कई गुर
पांवटा साहिब के मत्स्य पालन विभाग के सब इंस्पेक्टर तेजिंद्र सिंह ने बताया कि पांवटा साहिब से भी कई मत्स्य पालक रोपड़ पहुंचे, जहां पर मछली पालन के दौरान आने वाली समस्याओं के समाधान की जानकारियां प्राप्त कीं।
नालागढ़ के मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी राजेंद्र पॉल ने कहा कि सोलन और सिरमौर जिले में मत्स्य पालकों को और अधिक जानकारियां उपलब्ध करवाने के लिए रोपड़ में स्थित कटली मत्स्य पालन विभाग में कैंप का आयोजन रखा गया था जहां पर हिमाचल के मत्स्य पलकों को अधिक बड़े स्तर पर मछली पालन के लिए प्रोत्साहित किया गया।