यमुना पुल की दशा 30 दिन में नहीं सुधारी तो होगा आंदोलन:नौटी
यमुना नदी पर उत्तराखंड-हिमाचल को जोड़ने वाले यमुना पुल की जर्जर हालत
न्यूज़ देश आदेश पांवटा साहिब
देहरादून-पांवटा एनएच-07 पर यमुना नदी पर उत्तराखंड-हिमाचल को जोड़ने वाले यमुना पुल की हालत जर्जर है। दशकों पहले बने इस पुल की मरम्मत नहीं हो रही है। इससे बदहाल हो चुके इस पुल पर गिरने का खतरा मंडराने लगा है। ऐसे में पांवटा की कई संस्थाओं ने इस पुल को बचाने की मुहिम शुरू कर दी है। संस्थाओं ने एनएच प्राधिकरण, हिमाचल और उत्तराखंड राज्य सरकारों को 30 दिन का अल्टीमेटम देकर आंदोलन और क्रमिक अनशन की चेतावनी दी है।
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पांवटा व्यापार मंडल के अध्यक्ष अनिंद्र सिंह नोटी, सिरमौर उपभोक्ता संगठन से एमएस कैंथ, पेंशनर्स संघ से एनडी सरीन, आरटीआई एक्टिविस्ट फोरम से टीसी गुप्ता, पार्षद रविंद्र खुराना, जगदीश चौधरी, एकांत गर्ग, क्लीन पांवटा ग्रीन पांवटा से मनिंद्र सिंह मन्नी, पूर्व सैनिक रणजीत सिंह, दिनेश शर्मा, श्यामलाल शर्मा, चरणजीत जेलदार, गुरजीत नंबरदार, महबूब अली, इंद्रजीत अजू, संदीप बत्रा, मोहन सैनी, विजय कुमार गोयल, सतवीर सैनी और गुरनाम गामा ने शुक्रवार को यमुना पुल के समीप विश्वकर्मा पूजन किया।
इस दौरान उन्होंने यमुना पुल बचाने के लिए अभियान शुरू करने का फैसला लिया। अनिंद्र सिंह और मनिंद्र सिंह ने कहा कि एनएच प्राधिकरण ने 2017-18 में एक जांच टीम से पांवटा यमुना पुल की जांच करवाई थी जिसमें आईआईटी रुड़की और एक वेबकोकस विशेषज्ञ कंपनी के प्रतिनिधि पहुंचे थे। टीम ने बेरिंग, पुल स्ट्रक्चर और गार्ड्स को ठीक करवाने का सुझाव दिया था। इसके अलावा, एनएच पर राज्य सीमा पर बने टोल बूथ से लंबी वाहनों की कतारें पुल पर न लगाने और ओवरलोड नहीं करने का सुझाव दिया।
इसके बावजूद हिमाचल और उत्तराखंड की सरकारों के साथ एनएच प्राधिकरण भी पुल की खस्ता हालत से बेखबर बना हुआ है। यहां रोज सुबह 4 बजे से अवैध खनन के 200 ट्रैक्टर पुल के नीचे और आसपास से निकल रहे हैं। इससे पुल पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। उन्होंने सरकारों और एनएच प्राधिकरण को 30 दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि यदि इस बीच पुल की खराब बेरिंग और दशा को ठीक नहीं करवाया तो वह क्रमिक अनशन या अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे।
Originally posted 2021-11-05 23:12:18.