Jul 11, 2025
CRIME/ACCIDENT

जवानी में पति, बीमारी से बेटा-बहू चल बसे

 Cloudburst: ‘तबाही’ की कहानी, जवानी में पति, बीमारी से बेटा-बहू चल बसे, बुढ़ापे में आपदा ने छीन ली छत

जिला मंडी के थुनाग की ग्राम पंचायत बूंगरेल के गांव बयोड़ में आई आपदा के बाद पंचायत घर की लाइब्रेरी में ठहरी 70 साल की कमला देवी ने यह दर्द बयां किया। पढ़ें पूरी खबर…

Mandi Cloudburst elderly woman Boongrel of Thunag live with her grandson and granddaughter in Panchayat house

देशआदेश

30 जून की रात को आई आपदा ने जिंदगी नर्क बना दी है। शादी के बाद जवानी में पति चल बसे। उनके गुजरने के कुछ साल बाद बीमारी से बेटे और बहू की मौत हो गई। मुश्किल से पालकर पोता-पोती को बड़ा किया। अब जिंदगीभर की कमाई से बनाया घर देखते ही देखते आंखों के सामने ढह गया। आराम करने की उम्र में फिर से बेघर हो गई हूं। थुनाग की ग्राम पंचायत बूंगरेल के गांव बयोड़ में आई आपदा के बाद पंचायत घर की लाइब्रेरी में ठहरी 70 साल की कमला देवी ने यह दर्द बयां किया।

‘मेरा कोई रिश्तेदार नहीं’
कमला बताती हैं कि उस रात गांव के कई घर तबाह हो गए। खड्ड का पानी गांव की तरफ बढ़ा तो आधी रात को घर छोड़ना पड़ा। डेढ़ लाख रुपये नकद और चार तोले सोना पानी में बह गया। वह बताती हैं कि उसके बाद गांव से कुछ अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए और कुछ लोग किराये पर रह रहे हैं। मेरा कोई रिश्तेदार नहीं है। इस कारण पंचायत घर में आसरा लेना पड़ा। कमला के साथ उसकी पोती और कुल्लू में आईटीआई का कोस्र कर रहा पोता भी रह रहा है। उसे अब दोनों की चिंता सता रही है। सरकार की सुख आश्रय के तहत अनाथ पोता-पोती को भी मदद मिल रही है। जर्जर हुए मकान को देखकर कमला देवी की आंखें भर आती हैं। अब किसी बड़े मददगार की जरूरत है जो उसके घर को फिर से आबाद कर दे।

कमला देवी का मकान आपदा से क्षतिग्रस्त हो गया है। इसी वजह से उन्हें पंचायत में आसरा दिया गया है। कमला देवी की जितनी मदद हो सकती है, वह की जा रही है। – भीम सिंह, उपप्रधान, बूंगरेल पंचायत

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