Oct 14, 2025
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बुझ गए दो परिवारों के तीन चिराग

 

बुझ गए दो परिवारों के तीन चिराग

यमुना घाट बना मौत का घाट, सुरक्षा इंतज़ाम नदारद

देशआदेश/पांवटा साहिब 

शिलाई विधानसभा क्षेत्र के ग्वाली गाँव के तीन युवा – अमित (23)पुत्र जोगी राम, कमलेश (20)एवं रजनीश(22)पुत्र प्रेम सिंह – मंगलवार को देवता की पालकी यात्रा के बाद यमुना घाट में स्नान करते समय गहरे पानी में डूब गए। प्रशासन व एनडीआरएफ की टीमें लगातार तलाश में जुटी हुई हैं, लेकिन अब तक युवाओं का कोई सुराग नहीं लग पाया है।

 

 

 

 

डूबने से ठीक पहले तीनों युवाओं की मुलाकात एक महिला श्रद्धालु से हुई थी। वह अब इस दर्दनाक हादसे की चश्मदीद है। उनका कहना है –
“इसे यमुना घाट कहें या मौत का घाट? यहां श्रद्धालु तो रोज आते हैं लेकिन सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं है। न रेलिंग, न गोताखोर, न पुलिस जवान। यहां तक कि स्नान घाट पर एक साधारण रस्सी तक नहीं बंधी।”

 

 

 

 

सुरक्षा इंतज़ाम नदारद

स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन और सरकार की अनदेखी के कारण हर साल यमुना घाट पर श्रद्धालुओं की जान जाती है। अब तक दर्जनों हादसों में सैंकड़ों लोग डूबकर अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन न तो स्थायी बचाव दल की तैनाती हुई और न ही घाट पर बुनियादी सुविधाएँ।

 

 

 

श्रद्धालुओं में आक्रोश

ग्रामीणों और श्रद्धालुओं का कहना है कि यदि समय रहते सुरक्षा इंतज़ाम किए जाते तो आज ये तीन चिराग बुझने से बच सकते थे। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि घाट पर पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था, गोताखोरों की तैनाती और बैरिकेडिंग की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी दोबारा न हो।