हिमाचल प्रदेश: सीएम सुक्खू बोले-सिर्फ अनुबंध नाम बदला है
जॉब ट्रेनी दो साल की नौकरी के बाद होंगे नियमित

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि जॉब ट्रेनी दो साल की नौकरी के बाद नियमित किए जाएंगे। नई भर्ती प्रक्रिया में सिर्फ अनुबंध नाम बदला है, शेष प्रक्रिया पुरानी ही रहेगी। हिमाचल हाईकोर्ट की आपत्ति के बाद शब्दावली बदलने का सरकार ने फैसला लिया है। बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान विधायक सुधीर शर्मा और रणधीर शर्मा के सवाल पर मुख्यमंत्री ने सदन में यह स्थिति स्पष्ट की। बुधवार को तपोवन विधानसभा में प्रश्नकाल शुरू होने पर भाजपा विधायक सुधीर शर्मा ने पूछा कि जॉब ट्रेनी की नीति के तहत क्या दोबारा टेस्ट लेने का प्रावधान है विधायक रणधीर शर्मा ने पूछा कि इस नीति को लाने की क्या जरूरत पड़ी। क्या जॉब ट्रेनी दो साल बाद अनुबंध पर आएंगे या नियमित किए जाएंगे। जवाब में मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि जॉब ट्रेनी में अनुबंध का सिर्फ स्वरूप बदला है।
इस भर्ती के तहत नियुक्त किसी भी कर्मचारी को निकाला नहीं जाएगा। कर्मचारी अपने पूर्व निर्धारित समय से ही नियमित होंगे। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट ने अनुबंध नीति को खत्म कर दिया है। ऐसे में सरकार को नीतिगत बदलाव करते हुए अनुबंध शब्द को हटाकर जॉब ट्रेनी लिखना पड़ा है। हाईकोर्ट अनुबंध को स्वीकार नहीं कर रहा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि जॉब ट्रेनी भी दो साल की सेवा के बाद नियमित होंगे। इनकी भर्तियां आयोग के माध्यम से होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 14 मई 2025 से ट्रेनी स्कीम तथा 19 जुलाई 2025 से जॉब ट्रेनी योजना लागू की हैं। योजना के तहत चयनित कर्मचारियों को संबंधित चयन अभिकरण, संस्था की ओर स रिक्तियों के लिए विज्ञापित नियमों, शर्तों के अनुरूप वित्तीय लाभ प्रदान किए जा रहे हैं। चयनित होने वाले कर्मचारियों को वित्त विभाग के अनुमोदन के बाद वित्तीय लाभ प्रदान करने का प्रावधान है।
जॉब ट्रेनी स्कीम के तहत चयनित कर्मचारियों को पद से संबंधित कार्य बारे दक्षता परीक्षा पास करनी होगी, इस बारे अलग से दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। चयनित कर्मचारियों में से किसी भी कर्मचारी की सेवाएं समाप्त नहीं की गई है।

