डीजल घोटाला: तत्कालीन नप अधिकारियों और कर्मियों पर एफआईआर
डीजल घोटाला: तत्कालीन नप अधिकारियों और कर्मियों पर एफआईआर, जानें पूरा मामला
देशआदेश
हिमाचल प्रदेश के नगर परिषद नाहन में साल 2021 में उजागर हुए डीजल घोटाले मामले में अदालत के आदेशों के बाद पुलिस ने तत्कालीन अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
अब पुलिस नए सिरे से मामले की जांच करेगी। मामले में शहरी विकास विभाग की टीम भी एक साल पहले जांच कर चुकी है।
इस मामले में संबंधित विभाग ने कार्रवाई करते हुए नगर परिषद में तैनात कनिष्ठ अभियंता व एक चालक को बर्खास्त किया है, जबकि चार अधिकारियों और कर्मचारियों को चार्जशीट किया गया है।
जांच से असंतुष्ट नाहन के समाजसेवी सुधीर रमौल ने मामले की लिखित शिकायत बीते साल सितंबर माह में पुलिस से की थी, लेकिन डीजल घोटाले मामले से जुड़े अधिकारियों व कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज न किए जाने के बाद उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया।
सीजेएम नाहन की अदालत ने इस मामले में संलिप्त नगर परिषद के तत्कालीन कार्यकारी अधिकारी व पूर्व सहायक अभियंता समेत अन्य कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए।
लिहाजा, पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। समाजसेवी सुधीर रमौल का आरोप है कि नगर परिषद के अधिकारियों की मिलीभगत से कंडम यहां तक कि पत्थरों पर खड़े वाहनों में डीजल खर्च के छह से सात लाख रुपये के फर्जी बिल बनाए गए।
इन वाहनों को चालू हालत में दिखाया गया था। जिस समय ये मामला उजागर हुआ, इस दौरान कोरोना काल चल रहा था। इसकी शिकायत कुछ पार्षदों ने शहरी विकास मंत्री को भेजी, जिसके बाद विभाग ने अपने स्तर पर मामले की जांच की गई।
बीते साल विभाग ने आउटसोर्स पर तैनात कनिष्ठ अभियंता व एक चालक को बर्खास्त किया था।
तत्कालीन अधिकारी व कर्मचारी को चार्जशीट किया गया। इनमें एक अधिकारी की सेवानिवृत्ति हो चुकी है। सदर थाना नाहन के एचएचओ राजेश पाल ने बताया कि अदालत के आदेश पर नगर परिषद के तत्कालीन अधिकारियों व कर्मचारियों पर मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की नए सिरे से जांच करेगी।