Sep 19, 2024
HIMACHAL

सीएम बोले-चार साल लगेंगे आर्थिक स्थिति सुधारने में

55 दिन में सरकार के हाथ खड़े, सीएम सुक्खू बोले-चार साल लगेंगे आर्थिक स्थिति सुधारने में

देशआदेश

 

 

सत्ता में आने से पहले बड़े-बड़े दावे करने वाली  प्रदेश सरकार के 55 दिनों के कार्यकाल में ही हाथ खड़े हो गए। सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को कहा कि प्रदेश आर्थिक बदहाली से गुजर रहा है। अभी कई बार कर्ज लेना पड़ेगा। पांच साल के कार्यकाल की शुरुआत में ही सीएम ने कहा कि सूबे की आर्थिक स्थिति सुधारने में चार साल लगेंगे। पूर्व सरकार पर ठीकरा फोड़ते हुए मुख्यमंत्री ने आगामी कैबिनेट बैठकों में और कड़े फैसले या टैक्स लगाने के संकेत भी दिए। इससे जनता पर और बोझ पड़ेगा। शुक्रवार को राज्य सचिवालय में विधायक प्राथमिकता योजना की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में सीएम ने कहा कि बैठकों के दौरान कांग्रेस के साथ भाजपा के विधायकों ने भी माना कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।

गत दिन पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा था कि प्रदेश सरकार को ब्याज मुक्त कर्ज के लए प्रयास करना चाहिए, कोसने से काम नहीं चलेगा। इसी को लेकर सीएम ने कहा कि पूर्व जयराम सरकार ने राजनीतिक मंशा से प्रदेश को कर्ज में डुबोया है। पूर्व सरकार 11,000 करोड़ पेंशनभोगियों, कर्मचारियों और महंगाई भत्ता देने के लिए कर्ज के तौर पर छोड़कर गई है। वेतन देने के लिए भी कई व्यवस्थाएं करनी पड़ रही हैं।  ऐसे में वर्तमान सरकार और कर्ज लेने के लिए विवश है। हम अधिक कर्ज लेने की जगह ऐसी योजनाएं लाने को प्रयासरत हैं, जिससे आय बढ़े और जनता का भविष्य सुरक्षित हो।

 

 

व्यवस्था बदलते-बदलते खुद बदलने लगी सरकार
विधानसभा चुनाव में जनता को सब्जबाग दिखाकर सत्ता में लौटी कांग्रेस व्यवस्था बदलने की बातें कहते हुए खुद बदलती जा रही है। सत्ता बदलने का रिवाज तो  कांग्रेस ने नहीं टूटने दिया, लेकिन सरकार में आते ही खुद कर्ज लेने के रिवाज को बढ़़ाने की तैयारी में है। कांग्रेस एक भी गारंटी अभी तक पूरी नहीं कर पाई। भाजपा का आरोप है कि महंगाई कम करने की जगह सरकार ने फिजूलखर्ची कर छह मुख्य संसदीय सचिव बना दिए। इनके लिए लाव-लश्कर से लेकर स्टाफ के वेतन-भत्तों पर भी खुले दिल से इंतजाम किए जा रहे हैं। नए मंत्रियों और मुख्य संसदीय सचिवों के कार्यालयों और कोठियों को भव्य बनाने के लिए पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है। कर्मियों को न ओपीएस का लाभ मिला, न सीमेंट विवाद हल हुआ। उल्टा डीजल पर वैट बढ़ाकर जनता पर बोझ डाल दिया। अब तो सुख की सरकार का पंच भी सीएम की ओर से सुनाई नहीं दे रहा।