HP Govt: निगम-बोर्डों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का फैसला 25 फरवरी के बाद
HP Congress Govt: मंत्रिमंडल विस्तार, निगम-बोर्डों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का फैसला 25 फरवरी के बाद
भाजपा को बर्दाश्त नहीं हो रही कांग्रेस सरकार, जनमत के खिलाफ खड़ी हो गई :शुक्ला
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हिमाचल प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार और निगम-बोर्डों में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष नियुक्त करने का फैसला 25 फरवरी के बाद होगा। शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन शिमला पहुंचे हिमाचल के प्रभारी राजीव शुक्ला ने कहा कि रायपुर के कांग्रेस महाधिवेशन के बाद इन मामलों को लेकर चर्चा की जाएगी।
इस दौरान शुक्ला ने शिमला नगर निगम और लोकसभा चुनाव के लिए सरकार और संगठन को बेहतर तालमेल बनाने के निर्देश दिए। कांग्रेस की चुनावी गारंटियों को लेकर मुख्यमंत्री सुक्खू से अपडेट लेते हुए चरणबद्ध तरीके से इन्हें लागू करने को कहा।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन पहुंचकर राजीव शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस के लिए संगठन सर्वोपरि है। संगठन और सरकार बेहतर तालमेल के साथ चले। इसके लिए समीक्षा बैठक रखी गई। राज्य का विकास दोनों साथ मिलकर कैसे कर सकते हैं, इस पर विस्तार से चर्चा की गई है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश को बेहतर दिशा में ले जाने के लिए लगातार संघर्ष कर रही है। उन्होंने कहा कि मैं हिमाचल में प्रदेश की जनता का धन्यवाद करने आया हूं । जिन्होंने कांग्रेसी सरकार को चुना है कांग्रेस की सरकार लगातार काम कर रही है और बेहतर काम कर रही है।
उधर, बैठक के दौरान मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि सरकार ने पहली ही कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन को बहाल कर दिया है। महिलाओं को प्रतिमाह 1500 रूपये देने के लिए बनाई कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। जल्द ही महिलाओं को सम्मान राशि मिलना शुरू होगी।
रोजगार के अवसर तलाशने के लिए कैबिनेट सब कमेटी मंथन कर रही है। जल्द ही इस पर भी फैसला हो जाएगा। उन्होंने कहा कि शेष गारंटियों को लेकर भी विभागीय स्तर पर काम किया जा रहा है। चरणबद्ध तरीके से कांग्रेस सरकार अपनी हर गारंटी को पूरा करेगी।
मुख्यमंत्री ने सुख-आश्रय योजना से भी राजीव शुक्ला को अवगत कराया। बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, सह प्रभारी तेजेंद्र पाल सिंह बिट्टू सहित सभी मंत्री और कई विधायक मौजूद रहे।
भाजपा को बर्दाश्त नहीं हो रही कांग्रेस सरकार
राजीव शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस की एक परंपरा रही है कि हर नई सरकार को एक साल का समय देती है। उसके बाद उनसे हिसाब मांगा जाता है। विपक्ष लोकतंत्र में आवश्यक है। इसके लिए सभी काम करते हैं। विपक्ष के बगैर लोकतंत्र सही तरीके से नहीं चलता है।
लेकिन भाजपा को बर्दाश्त नहीं होता है कि उनके अलावा किसी दूसरे की सरकार कैसे आ गई है। हिमाचल में भाजपा ने एक नई प्रथा शुरू की है कि दूसरे दिन से ही जवाब मांगना शुरू कर दिया है। यह गलत है। भाजपा जनता के दिए हुए जनमत के खिलाफ खड़ी हो गई।